लगातार बढ़ रहा कद: दीया कुमारी को टिकट, ये भाजपा का कोई बड़ा संकेत तो नहीं
भाजपा में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) की पार्टी कार्यक्रमों में उदासीनता और नदारतता बढ़ती दिखी, वहीं दीया कुमारी का अचानक से भाजपा में कद बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। यह माना जा रहा है कि भाजपा अब वसुंधरा राजे की जगह दीया कुमारी का चेहरा आगे बढ़ाते दिख रही है।
जयपुर | राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने सोमवार को अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है।
भाजपा की इस पहली लिस्ट में कई चौंकाने वाले फैसले भी देखने को मिले हैं।
भाजपा ने पहली लिस्ट में ही 7 सांसदों को विधायकों का टिकट देकर चुनावी अखाड़े में उतार दिया है।
इनमें से एक राजसमंद से सांसद दीया कुमारी (Diya Kumari) का नाम भी शाामिल है। दीया कुमारी को लेकर तो पहले से ही प्रदेश में महारानी वर्सेज राजकुमारी के तौर पर देखा जा रहा है।
जहां भाजपा में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) की पार्टी कार्यक्रमों में उदासीनता और नदारतता बढ़ती दिखी, वहीं दीया कुमारी का अचानक से भाजपा में कद बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है।
यह माना जा रहा है कि भाजपा अब वसुंधरा राजे की जगह दीया कुमारी का चेहरा आगे बढ़ाते दिख रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में भी दीया कुमारी मंच पर वसुंधरा राजे के साथ बैठी दिखाई दी थी।
दीया कुमारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा का संचालन भी करती नजर आ चुकी हैं।
भाजपा ने इस बार जयपुर की विद्याधर नगर विधानसभा सीट से दीया कुमारी को टिकट दिया है।
भाजपा ने हैरान कर देने वाला प्रयोग करते हुए विद्याधर नगर से नरपत सिंह राजवी जो भैरोसिंह शेखावत के दामाद हैं उनका टिकट काटकर सांसद दीया कुमारी को मौका दिया है।
राजे ही दीया को लाई थीं पार्टी में
अब मजेदार बात ये भी है कि दीया कुमारी को वसुंधरा राजे ने ही अपनी परिवर्तन यात्रा के दौरान भाजपा में शामिल किया था और अब दीया को ही राजे के समक्ष चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।
वसुंधरा राजे राज परिवार से संबंध रखती हैं तो दीया कुमारी का नाता भी राज परिवार से है। ऐसे में दोनों के बीच लंबे समय तक अच्छे संबंध भी रहे हैं, लेकिन राजनीति ऐसी चीज है जिसमें न जाने कब क्या चाल चलनी पड़ जाए कोई नहीं जानता।
विद्याधर नगर का ऐसा रहा चुनावी इतिहास
जयपुर जिले की विद्याधर नगर विधानसभा सीट साल 1976 में पहली बार हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी।
1990 से पहले इस सीट पर कांग्रेस की पकड़ मजबूत रही लेकिन, इसके बाद धीरे-धीरे ये सीट बीजेपी का गढ़ बनती चली गई।
बता दें कि साल 2008 से पहले यह क्षेत्र बनीपार्क विधानसभा सीट के नाम से जाना जाता था। लेकिन साल 2008 में बनीपार्क विधानसभा सीट को विद्याधर नगर विधानसभा के नाम से जाना जाने लगा।
तब पहली बार भाजपा के नरपत सिंह राजवी विधायक चुने गए। इसके बाद वो साल 2013 और 2018 में विधायक बने।