Parliament: मुद्रा ऋण की सीमा 20 लाख करने से एमएसएमई का होगा विकास : मदन राठौड़
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के राज्यसभा में सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने दी जानकारी प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के माध्यम से सूक्ष्म/लघु कारोबारी इकाइयों को 20 लाख रुपए तक का ऋण एवं रोजगार सृजन होने से आत्म निर्भर भारत का सपना होगा साकारः- मदन राठौड़
जयपुर | भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने राजस्थान में सूक्ष्म/लघु कारोबारी इकाइयों को वित्तीय सहायता एवं रोजगार सृजन के संबंध में राज्यसभा में सवाल उठाया है।
राठौड़ ने केंद्र सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि सूक्ष्म/लघु कारोबारी इकाइयों को ऋण सुविधा में बढ़ोतरी करना आत्म निर्भर भारत के लिए अच्छी पहल है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के राज्यसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने अपने लिखित जवाब में संसद को जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का शुभारंभ दिनांक 08.04.2015 को कर सूक्ष्म/लघु उद्यमियों को आधारभूत वित्तीय सुविधा उपलब्ध करवाई।
इस योजना के अंतर्गत ऋण, तीन ऋण उत्पादों शिशु (50,000 रुपए तक के ऋण), किशोर (50,000 रुपए से अधिक और 5 लाख रुपए तक के ऋण) और तरुण (5 लाख रुपए से अधिक और 10 लाख रुपए तक के ऋण) के अंतर्गत कृषि संबद्ध कार्यकलापों सहित विनिर्माण, व्यापार, सेवा संबंधी क्षेत्र में आय सृजन कार्यकलापों के लिए दिए जाते हैं, जिससे आत्म निर्भर भारत का सपना साकार हो सके।
इतना ही नहीं, कोई भी व्यक्ति, जो अन्यथा ऋण लेने के लिए पात्र है और जिसके पास लघु व्यवसाय उद्यम के लिए एक व्यवसाय योजना है, इस योजना के अंतर्गत ऋण प्राप्त कर सकता है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने बताया कि राजस्थान प्रदेश में वर्तमान वित्तीय वर्ष सहित अप्रैल 2019 से जून 2024 तक के पिछले पांच वर्षों में 1.11 लाख करोड़ रुपए से अधिक राशि के 1.41 करोड़ से अधिक ऋण संवितरित किए गए हैं।
इसी प्रकार राजस्थान में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) अंतर्गत ऐतिहासिक ऋण स्वीकृत करते हुए राशि संवितरित की गई।
राठौड़ ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से इस बजट घोषणा 2024-25 में मुद्रा ऋण की मौजूदा सीमा 10 लाख को बढ़ाकर दुगुना करते हुए 20 लाख रुपए करने से सूक्ष्म/लघु इकाइयों का वित्तीय सशक्तिकरण एवं रोजगार सृजन के अवसर बढ़ेंगे।