’केसावत’ के ’रिश्वत राज’: मोबाइल उठा रहा कई रहस्यों से पर्दा, OMR शीट देखकर होती थी कीमत तय
एसीबी ने उसके वॉट्सऐप चैट, फोटो और पीडीएफ फाइलों को रिकॉर्ड में लिया है। वॉट्सऐप चैट में हाईकोर्ट एलडीसी पेपर होने की बात कहकर पास कराने की भी बात का खुलासा हुआ है।
जयपुर | राजस्थान में ईओ भर्ती परीक्षा में पास करवाने के नाम पर 18.50 लाख रुपए रिश्वत लेते पकड़े गए कांग्रेस नेता एवं राज्य घूमंतु जाति कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष गोपाल केसावत (Gopal Kesawat) पर एसीबी (ACB) का शिकंजा कसता जा रहा है।
केसावत का मोबाइल ही उसका दुश्मन बनता जा रहा है। मोबाइल एक के बाद एक कई रहस्यों से पर्दा उठा रहा है।
ये बात भी सामने आई है कि पिछले तीन साल से भी ज्यादा समय से केसावत दलालों के जरिए परिक्षार्थियों को पास करवाने के नाम पर रिश्वत के तौर पर रुपये लिए हैं।
एसीबी ने उसके वॉट्सऐप चैट, फोटो और पीडीएफ फाइलों को रिकॉर्ड में लिया है।
वॉट्सऐप चैट में हाईकोर्ट एलडीसी पेपर होने की बात कहकर पास कराने की भी बात का खुलासा हुआ है।
उसके मोबाइल में साल 2021 से लेकर 2023 तक के वॉट्सऐप चैट में कई भरे हुए फॉर्म्स हैं, तबादलों के आवेदन भी हैं।
इसके साथ ही ओएमआर शीट्स के फोटोज भी हैं।
केसावत भर्ती कराने के लिए अभ्यर्थियों के जानकारों को ओएमआर शीट के नंबर बताकर तय रकम का आधा हिस्सा परीक्षा से पहले लेता था।
मोबाइल ने उसकी और दलाल के बीच हुई बातचीत को भी सामने ला दिया है। जिसमें दलाल केसावत से मिलने के लिए टाईम पूछ रहा है।
एक दलाल ओएमआर नंबर केसावत से मांग रहा है। कह रहा है 16 तो अभी तैयार हैं। 10 परीक्षार्थी और हैं। 80 लाख एडवांस दिलवा दूंगा। जिस पर केसावत का जवाब था ओके।
इसी के साथ केसावत और उसके दलालों के मोबाइल से जून 2023 राजस्थान आवासन मंडल में भर्ती के विभिन्न पदों की जानकारी और लगवाने की चैट भी सामने आई है।
सीकर एसीबी को दो परिवादियों से 7 जुलाई को शिकायत मिली थी कि दो अभ्यर्थियों को भर्ती मेरिट में लाने के लिए आरोपी अनिल कुमार ने 40-40 लाख रुपए मांगे। इसमें 25 लाख रुपए पहले और बचे 15 लाख रुपए काम होने के बाद देने की बात कही गई थी। दलालों और पीड़ितों के बीच बात 25 लाख रुपए पर बनी। शिकायत सही पाए जाने के बाद बाद सीकर टीम के साथ जयपुर की टीम भी सक्रिय हो गई।
गौरतलब है कि एसीबी ने पिछले शुक्रवार को 18.50 लाख रुपए रिश्वत लेते सीकर में दलाल अनिल कुमार व ब्रह्मप्रकाश को रंगे हाथों दबोचा था। इसमें गोपाल केसावत का भी हिस्सा था।