देर रात आदेश जारी: सीएम अशोक गहलोत का चुनावों से पहले फिर बड़ा फैसला, राजस्थान में होगा जातिगत सर्वेक्षण

राजनीति के जादूगर कहे जाने वाले अशोक गहलोत ने अब राजस्थान में जातिगत सर्वेक्षण कराने का फैसला लिया है। देर रात सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। 

जयपुर | Caste survey in Rajasthan: 33 जिलों के राजस्थान को 53 जिलों का बनाने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा चुनावों से पहले फिर बड़ा सियासी दांव खेल दिया है। 

राजनीति के जादूगर कहे जाने वाले अशोक गहलोत ने अब राजस्थान में जातिगत सर्वेक्षण कराने का फैसला लिया है।

बता दें कि पिछले दिनों बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने भी  जातिगत सर्वेक्षण करवाया है। 

देर रात आदेश जारी

राज्य मंत्रिमंडल के निर्णय के बाद शनिवार देर रात सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। 

जिसमें कहा गया कि सभी वर्गों के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित सर्वेक्षण कराएगी।

नागरिकों के सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक आकंड़े किए जाएंगे एकत्रित

राज्य मंत्रिमंडल के निर्णय की अनुपालना में सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ समित शर्मा द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक, सर्वेक्षण के लिए प्रदेश के समस्त नागरिकों के सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक स्तर के संबंध में जानकारी और आकंड़े एकत्रित किए जाएंगे। 

इसके बाद राज्य सरकार की ओर से इनका विशेष अध्ययन कराया जाएगा। 

ये रहेगी सर्वेक्षण की प्रक्रिया

-  सर्वेक्षण के लिए आयोजना विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है, साथ ही सभी जिला कलेक्टर सर्वेक्षण के लिए नगर पालिका, नगर परिषद, नगर निगम, ग्राम व पंचायत स्तर पर विभिन्न विभागों के अधीनस्थ कार्मिकों की सेवाएं ले सकेंगे। 

- कार्य के लिए नोडल विभाग की ओर से प्रश्नावली तैयार की जाएगी। 

- सर्वेक्षण में प्रत्येक व्यक्ति की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्तर की पूरी जानकारी का उल्लेख होगा।

- सर्वेक्षण से प्राप्त सूचनाएं और आंकड़े ऑनलाइन फीड किए जाएंगे। 

- इसके लिए सूचना, प्रौद्योगिकी व संचार विभाग की ओर से अलग से विशेष सॉफ्टवेयर और मोबाइल एप तैयार किया जाएगा। 

- सर्वेक्षण से प्राप्त सूचनाओं को विभाग अपने पास सुरक्षित रखेगा। 

पिछड़ेपन की स्थिति में सुधार लाने के होंगे प्रयास

सर्वेक्षण में वर्गों के पिछड़ेपन की स्थिति में सुधार लाने के लिए विशेष कल्याणकारी उपाय और योजनाएं लागू की जाएगी, ताकि सभी वर्गों का जीवन स्तर बेहतर हो सके।