मैं माफी मांगता हूं: सीएम अशोक गहलोत ने न्यायपालिका पर उठाए थे सवाल, अब कहा- अगर मेरे बयान से ठेस पहुंची है तो...

प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने भी ज्यूडिशियरी को लेकर दिए अपने बयान पर माफी मांग ली है।  पिछले दिनों न्यायपालिका पर सवाल उठाते हुए सीएम गहलोत एक ऐसा बयान दे गए थे जिससे न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंची थी। 

Ashok Gehlot

जयपुर |  राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और किसी भी पार्टी नेता का नेता ये नहीं चाहेगा कि उनकी वजह से जनसमुदाय या कोई भी संगठन उनसे नाराज रहो। 

ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने भी ज्यूडिशियरी को लेकर दिए अपने बयान पर माफी मांग ली है। 

पिछले दिनों न्यायपालिका पर सवाल उठाते हुए सीएम गहलोत एक ऐसा बयान दे गए थे जिससे न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंची थी। 

इसके बाद हंगामा खड़ा हो गया था। जिसके बाद राजस्थान हाईकोर्ट (जयपुर बेंच) में मंगलवार को दायर अपने जवाब में सीएम गहलोत ने माफी मांगी है। 

मैं माफी मांगता हूं...

सीएम गहलोत ने कहा कि जो कुछ भी उन्होंने कहा था, वो उनके विचार नहीं थे। पूर्व न्यायाधीशों ने भी कई बार न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर बयान दिए हैं। 

मेरे बयान में भी मैंने उनको कोट करते हुए ही अपनी बात कही थी। फिर भी अगर मेरे बयान से न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं।

अब हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश एजी मसीह की खंडपीठ ने इस मामले पर 7 नवंबर को अगली सुनवाई तय की है। 

क्या कह गए थे सीएम गहलोत ?

बता दें कि, गत 30 अगस्त को राजधानी जयपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम गहलोत ने न्यायपालिका पर सवाल उठाते हुए कहा था कि ज्यूडिशियरी में भयंकर भ्रष्टाचार हो रहा है। 

मैंने सुना है कि कई वकील तो जजमेंट लिखकर ले जाते हैं और  वही जजमेंट आता है। 

ज्यूडिशियरी के अंदर यह क्या हो रहा है? चाहे लोअर ज्यूडिशियरी हो या अपर। हालात गंभीर हैं। इसके बारे देशवासियों को सोचना चाहिए।

सीएम गहलोत इस बयान के बाद हो गया था बवाल

सीएम गहलोत के न्यायपालिका पर किए गए इस कमेंट को लेकर वकीलों और न्यायिक जगत से जुड़े लोगों ने हंगामा कर दिया था। 

सीएम के इस बयान के खिलाफ प्रदेश की अदालतों से लेकर हाईकोर्ट तक वकीलों ने गहलोत के खिलाफ प्रदर्शन किए थे।

अधिवक्ता शिवचरण गुप्ता सहित कई अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट में सीएम गहलोत के खिलाफ याचिकाएं दायर की थी।

जिसके बाद हाईकोर्ट ने सीएम गहलोत को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा था।