सीएम गहलोत का जादुई ऐलान: बोले- थका उम्मीदवार क्या चुनाव लड़ेगा, इस बार 50 से कम उम्र के युवाओं को देंगे मौका
सीएम गहलोत ने कहा कि, उम्मीदवार चयन को लेकर दिल्ली में कई दिनों तक चलने वाली बैठकों का सिलसिला अब बंद होना चाहिए। जिस नेता को टिकट देना है उसको फाइनल करके 2 महीने पहले ही इशारा दे दो, ताकि वह चुनाव में जुट जाए।
जयपुर । राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार जनता के बीच पहुंचकर उनका समर्थन प्राप्त करने में लगे हुए हैं।
सीएम गहलोत बार-बार अपनी सरकार के रिपीट होने का दावा कर रहे हैं।
ऐसे में इस बार सीएम गहलोत ने युवाओं का समर्थन हासिल करने के लिए फिर से जादुई ऐलान किया है।
सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि कांग्रेस अब टिकटों में युवाओं को ज्यादा तवज्जों देगी।
इंदिरा गांधी पंचायती राज भवन में युवक कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में सीएम गहलोत ने युवाओं को समर्थन में लेने के लिए कई बातें कही।
2 महीने पहले ही फाइनल होना चाहिए उम्मीदवार
सीएम गहलोत ने कहा कि, उम्मीदवार चयन को लेकर दिल्ली में कई दिनों तक चलने वाली बैठकों का सिलसिला अब बंद होना चाहिए।
जिस नेता को टिकट देना है उसको फाइनल करके 2 महीने पहले ही इशारा दे दो, ताकि वह चुनाव में जुट जाए।
टिकटों की मारामारी के चलते दिल्ली की सड़कों पर घूम-घूम कर नेता थक जाता है और थका हुआ नेता कैसे चुनाव लड़ेगा।
इसलिए मैं चाहता हूं कि टिकट भी 2 महीने पहले ही तय हो जाने चाहिए।
भले ही सीनियर जगह नहीं छोड़े, लेकिन आपको मांगना चाहिए हक
मुख्यमंत्री गहलोत ने गुरुवार को युवा कांग्रेस नेताओं को संदेश दिया कि चुनाव में आपको अपना हक मांगना चाहिए।
आपको टिकट की दावेदारी करनी चाहिए, भले ही सीनियर लोग जगह नहीं छोड़े।
सरकार में आना है तो सिर्फ जीतने वाले नेता को ही टिकट
इसी के साथ मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस के ही कुछ विधायक कहते हैं कि वह चुनाव नहीं जीत पा रहे हैं।उन्होंने
इसलिए ऐसे विधायकों से ही यह पूछेंगे कि वह किसे मौका देना चाहते हैं। अब यदि सरकार में आना है तो सिर्फ जीतने वाले नेता को ही टिकट मिलना चाहिए।
सिर्फ सरकारी योजनाओं से काम नहीं चलता
प्रदेश में एक के बाद एक सरकारी योजनाओं का ऐलान कर रहे सीएम गहलोत ने भी इस बात को माना कि सिर्फ सरकारी योजनाओं से काम नहीं चलता है।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों राहुल गांधी ने मुझे दिल्ली में यह कहा कि चुनाव में सिर्फ सरकारी योजनाओं से ही काम नहीं चलता है।
विधायकों का जनता में व्यवहार कैसा है, उनका कामकाज और दोबारा जीतने की क्षमता भी देखनी पड़ेगी।
हम पिछली बार 100 सीटों पर चुनाव हार गए थे। ऐसे अब उन पर भी कांग्रेस का परचम लहराना होगा।