Rajasthan: मां-बाप ने जहर देकर ही मूक—बधिर बेटी को मारा था, एसएमएस अस्पताल में ही इलाज के दौरान दे दिया था जहर

करौली के हिंडौन से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। दस साल की मूक-बधिर बच्ची की मौत के मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। दरअसल, यह बच्ची जलने से नहीं, बल्कि जहर देने से मरी थी। सवाई मानसिंह अस्पताल में इलाज के दौरान इस मासूम को उसके माता-पिता और मामा ने जहर दिया था।

जयपुर। करौली के हिंडौन से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। दस साल की मूक-बधिर बच्ची की मौत के मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है।

दरअसल, यह बच्ची जलने से नहीं, बल्कि जहर देने से मरी थी। सवाई मानसिंह अस्पताल में इलाज के दौरान इस मासूम को उसके माता-पिता और मामा ने जहर दिया था।

घटना की पूरी कहानी
भरतपुर रेंज के आईजी, राहुल प्रकाश ने बताया कि बच्ची के पिता करनसिंह मीना, मां कमलेशी मीना और मामा राजेश मीना को गिरफ्तार कर लिया गया है। 9 मई को मां से झगड़े के बाद बच्ची ने खुद पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा ली थी। परिजनों ने इस घटना को छुपाने की कोशिश की और पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी।

पुलिस का खुलासा
पुलिस जांच में पता चला कि बच्ची के साथ रेप की पुष्टि नहीं हुई थी। 20 मई को इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई थी और 21 मई को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था।

जहर देने का खुलासा
पुलिस ने पोस्टमॉर्टम करवाया और 6 जून को मिली रिपोर्ट में पता चला कि बच्ची की मौत जहर देने से हुई थी। उसे मौत से 24 घंटे पहले जहर दिया गया था, जबकि उसकी हालत में सुधार हो रहा था।

वेंटिलेटर पर लेने से इनकार
19 मई को बच्ची की हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उसे वेंटिलेटर पर लेने की सलाह दी थी, लेकिन मामा ने लिखित में मना कर दिया था।

साजिश का पर्दाफाश
आरोपियों ने खुद को बचाने के लिए एक युवक को फंसाने की साजिश रची। माता-पिता ने सोशल मीडिया से युवक की फोटो डाउनलोड की और उसे बच्ची को दिखाया। हालांकि पुलिस जांच में युवक की कोई भूमिका नहीं पाई गई।

बच्ची का स्कूल और घर लौटना
बच्ची करौली में आवासीय मूक-बधिर स्कूल में पढ़ रही थी और छुट्टियों पर घर आई थी।

यह घटना हमारे समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है और हमें ऐसे मामलों में जागरूक और सतर्क रहना चाहिए।