संजीवनी घोटाला : गजेन्द्र सिंह शेखावत को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत अब आगे का रास्ता क्या होगा

संजीवनी सोसायटी मामले में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया. न्यायाधीश प्रवीण भटनागर की बेंच ने इस मामले पर आज गजेन्द्र सिंह को कोई राहत नहीं दी.

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संजीवनी सोसायटी मामले में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया. न्यायाधीश प्रवीण भटनागर की बेंच ने इस मामले पर आज गजेन्द्र सिंह को कोई राहत नहीं दी. आपको बता दे कि केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने संजीवनी सोसायटी मामले में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसे प्राचीन भटनागर की बेंच ने नकार दिया. 

क्या चाहते है शेखावत 

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरोपों के बाद संजीवनी सोसायटी पर घिरे गजेन्द्र सिंह शेखावत इस मामले की जाँच सीबीआई से करवाना चाहते है इसके पीछे शेखावत की दलील है कि संजीवनी सपोसयटी का मामला मल्टीस्टेटस है और प्रावधान के अनुसार इस मामले की जाँच सीबीआई से होनी चाहिए.

इसी के लिए शेखावत ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसे जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की अदालत में सूचीबद्ध किया गया था. 
लेकिन जस्टिस गर्ग ने इस मामले में सुनवाई से खुद को अलग कर लिया. बाद मेर मामला जस्टिस प्रवीण भटनागर के पास पहुंचा तो उन्होंने इस मामले में सुनवाई करने से मना कर दिया. 


900 करोड़ का है संजीवनी घोटाला 

राजस्थान के बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी पर बड़े घोटाले का आरोप लगाया गया है. माना जा रहा है कि यह घोटाला करीब 900 करोड रुपए के आसपास है. इस मामले में राजनीति तब तेज हो गई जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत पर आरोप लगाकर पूरे मामले को शेखावत पर केंद्रित कर दिया.

संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में लोगों ने अपने जीवन की कमाई को निवेश किया था. लेकिन घोटाले के बाद बड़ी संख्या में लोगों की जीवन भर की गाढ़ी कमाई अटक गई है.  इसको लेकर 2019 के अगस्त माह में एसओजी में सोसाइटी के खिलाफ घोटाले का मामला दर्ज किया गया. इस मामले में एसओजी अब तक सोसायटी मंडल के कई लोगों की गिरफ्तारी कर चुकी है. वहीं सोसाइटी के मुखिया विक्रम सिंह समेत कई मुख्य लोग भी जेल में है.