जयपुर में प्रोजेक्ट किशोरी: तीन सरकारी स्कूलों में महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित

किशोरी क्लबों की स्थापना किशोरी क्लबों के माध्यम से बेटियों को खुलकर चर्चा करने का अवसर मिला और सांस्कृतिक मिथकों को तोड़ने के लिए प्रेरित किया गया

Preeti Sharma, Founder of Prajna Foundation

जयपुर | प्रजना फाउंडेशन और ब्रह्मोस एयरोस्पेस की साझेदारी से चलाए जा रहे प्रोजेक्ट किशोरी के तहत, जयपुर में बेटियों के बीच मासिक धर्म और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इस पहल के अंतर्गत हाल ही में तीन सरकारी स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें किशोरी किट का वितरण और किशोरी क्लबों का गठन किया गया।

कार्यक्रम की प्रमुख बातें

स्वच्छता और स्वास्थ्य प्रोजेक्ट किशोरी के अंतर्गत स्कूलों में मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के महत्व पर विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही, योग और आसनों के लाभ के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई।

किशोरी किट का वितरण इन किट्स में स्वच्छता सामग्री और जागरूकता से संबंधित पठन सामग्री शामिल थी, जो बेटियों को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने में सहायक है।

किशोरी क्लबों की स्थापना किशोरी क्लबों के माध्यम से बेटियों को खुलकर चर्चा करने का अवसर मिला और सांस्कृतिक मिथकों को तोड़ने के लिए प्रेरित किया गया।

विशेष कार्यक्रम स्थल और सहयोगी

प्रेमपुरा झारखंड महादेव स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय यहां प्रिंसिपल आदित्य शर्मा और अन्य शिक्षकों की उपस्थिति में किट वितरण और कार्यशाला का आयोजन किया गया। संजय नगर की महात्मा गांधी राजकीय स्कूल प्रधानाचार्य सुनीता जाट और शिक्षिकाओं ने कार्यक्रम में सक्रिय योगदान दिया।

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय केसरपुरा भांकरोटा प्रिंसिपल रामकुमार शर्मा और शिक्षिकाओं ने कार्यक्रम में भाग लिया और सक्रिय सहयोग प्रदान किया।

प्रोजेक्ट किशोरी का उद्देश्य  प्रोजेक्ट किशोरी का मुख्य उद्देश्य किशोरियों को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के महत्व से अवगत कराना है। यह पहल समाज में मासिक धर्म से जुड़े संकोच को समाप्त करने और बेटियों को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रजना फाउंडेशन की संस्थापक प्रीति शर्मा ने बताया कि इस पहल के माध्यम से बालिकाओं को स्वच्छता किट्स प्रदान करने के साथ-साथ सांस्कृतिक मिथकों को तोड़ने और इस विषय पर खुलकर बात करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।