Rajasthan: राजस्थान सूचना आयोग में नियुक्तियों का नया दौर, गहलोत की परंपरा को भजनलाल सरकार ने भी अपनाया

नई आई भजनलाल सरकार भी अशोक गहलोत सरकार के पदचिह्नों पर ही चल रही है। नियुक्तियों में सेवानिवृत्त अफसरों को ही तरजीह दी जा रही है, जो गहलोत सरकार की भी नीति थी। गहलोत सरकार के समय भी यह मुद्दा उठाया गया था, जिसमें तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने विरोध जताया था।

जयपुर | नई आई भजनलाल सरकार भी अशोक गहलोत सरकार के पदचिह्नों पर ही चल रही है। नियुक्तियों में सेवानिवृत्त अफसरों को ही तरजीह दी जा रही है, जो गहलोत सरकार की भी नीति थी। गहलोत सरकार के समय भी यह मुद्दा उठाया गया था, जिसमें तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने विरोध जताया था। राजस्थान में सूचना आयोग में खाली पदों पर नई नियुक्तियों का सिलसिला शुरू हो गया है। राज्यपाल कलराज मिश्र ने हाल ही में पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) एमएल लाठर को मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्त करने के आदेश जारी किए हैं। एमएल लाठर पहले से सूचना आयुक्त के तौर पर कार्यरत थे और अब उन्हें मुख्य सूचना आयुक्त की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

इसके साथ ही, पूर्व आईएएस सुरेश चंद गुप्ता, महेंद्र कुमार पारख और लॉ सर्विस से रिटायर्ड टीकाराम शर्मा को सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्ति दी गई है। इन सभी नियुक्तियों की अवधि तीन साल के लिए है, जो 3 साल या 65 साल की आयु पूरी होने तक लागू रहेगी।

एमएल लाठर की नियुक्ति:
मुख्य सूचना आयुक्त बने एमएल लाठर पहले गहलोत सरकार में डीजपी के पद पर थे। जनवरी 2023 में रिटायर होने के बाद उन्हें सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया था। अब उन्हें मुख्य सूचना आयुक्त की नई जिम्मेदारी दी गई है।

महेंद्र पारख की नियुक्ति:
महेंद्र पारख पहले आरएएस अधिकारी थे और बाद में प्रमोट होकर आईएएस बने। वे पिछले साल ही रिटायर हुए थे। पारख वसुंधरा राजे के कार्यकाल में गुलाबचंद कटारिया के विशिष्ट सचिव भी रह चुके हैं।

सुरेश चंद गुप्ता और टीकाराम शर्मा की नियुक्ति:
सुरेश चंद गुप्ता प्रमोटी आईएएस अधिकारी रहे हैं और उन्होंने सरकार में कई वरिष्ठ पदों पर काम किया है। टीकाराम शर्मा लॉ सर्विस से रिटायर्ड हैं और उन्हें भी सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया है।

सूचना आयोग में रिटायर्ड अफसरों का दबदबा:
सूचना आयोग में अब मुख्य सूचना आयुक्त से लेकर सभी आयुक्तों के पदों पर रिटायर्ड अफसर ही नियुक्त हो गए हैं। पहले वरिष्ठ पत्रकार नारायण बारेठ सूचना आयुक्त थे, लेकिन उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद अब सभी पदों पर रिटायर्ड अफसरों की ही नियुक्ति की गई है। इसमें कोई भी सामाजिक कार्यकर्ता या सूचना के अधिकार के लिए काम करने वाले व्यक्ति शामिल नहीं हैं।