कर्नाटक इलेक्शन : अब कर्नाटक में अशोक गहलोत क्या जादू करने वाले है, राजस्थान की योजनाए वहां कितनी असर करेंगीं
राजस्थान में विधानसभा चुनाव अब बहित ज्यादा नजदीक है ऐसे में माना जा रहा है कि कर्नाटक चुनाव के नतीजे राजस्थान को भी बड़े स्तर पर प्रभावित करेंगे. चूँकि कर्नाटक का चुनाव राजस्थान के लिए एक प्री बोर्ड की तरह माना जा रहा है
राजस्थान में विधानसभा चुनाव अब बहित ज्यादा नजदीक है ऐसे में माना जा रहा है कि कर्नाटक चुनाव के नतीजे राजस्थान को भी बड़े स्तर पर प्रभावित करेंगे. चूँकि कर्नाटक का चुनाव राजस्थान के लिए एक प्री बोर्ड की तरह माना जा रहा है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान में सरकार रिपीट का दावा बड़े जोर शोर से कर चुके है.
इसलिए अशोक गहलोत की कोशिश है कि वे सबसे पहले प्री बॉर्ड पास कर ले और कर्नाटक पहुंचकर उन्होंने राजस्थान में चल रही योजनाओ को गिनवाना भी शुरू कर दिया है.
कर्नाटक चुनाव में अशोक गहलोत की एन्ट्री अबतक का सबसे बड़ा ट्विस्ट माना जा रहा है क्योंकि इससे पहले भी वहां कांग्रेस की सरकार बनाने में उनका एक शानदार ट्रेक रिकॉर्ड रहा है.
प्रवासी राजस्थानियों की कर्नाटक के कई शहरों में अच्छी खासी आबादी है, और कई निर्वाचन क्षेत्रों में उनका वोट निर्णायक हो सकता है.अनुमान के मुताबिक, अकेले बेंगलुरु शहर में 1 लाख से अधिक प्रवासी राजस्थानी मतदाता हैं और राज्य में प्रवासी मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 10 लाख है.
ऐसे में हर राजनीतिक दल उन तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है.
जब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कर्नाटक पहुंचे तो वहां के प्रवासी राजस्थानी समुदाय ने उनका गर्मजोशी और पारम्परिक राजस्थानी तरीके से स्वागत किया.
कर्नाटक पहुंचकर अशोक गहलोत ने सबसे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाक़ात आकर अपना कैम्पेन स्टार्ट कर दिया. वहां पहुंचकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान में उनके द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का जोर-शोर से प्रचार कर रहे है.
अशोक गहलोत के केम्पेन को देखकर लग रहा है कि वे कर्नाटक इलेक्शन में राजस्थान मोडल को लागू करना चाहते है और इस मोडल के जरिए प्रवासी राजस्थानियों को कांग्रेस के पक्ष में लामबंद करने की उनकी पूरी कोशिश है.