Rajasthan Vidhansabha election 2023: टिकट को लेकर जयपुर की इन सीटों पर खींचतान, वसुंधरा राजे समर्थकों की बढ़ी टेंशन
Stay updated with the latest political developments in Rajasthan as supporters of Vasundhara Raje face the possibility of their tickets being cut from the BJP's second list for the upcoming elections.
जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनावों (Rajasthan Vidhansabha Chunav 2023) की तारीख तय हो चुकी है अभी तक दोनों पार्टियों के प्रत्याशी घोषित नहीं हुए हैं। टिकट की दावेदारी को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में खींचतान देखी जा सकती है।
इसी बीच बीजेपी ने 41 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है इसके बाद पार्टी के अंदर ही गहमागहमी का माहौल है। पार्टी ने कई सीटों पर अपने उम्मीदवार बदले हैं जिनमें कई नए चेहरे भी शामिल किए हैं।
सुत्रों की माने तो पार्टी विधायकों को काम के आधार पर टिकिट दे रही है और नए चेहरों को मौका दे रही है। पहली लिस्ट में वसुंधरा राजे समर्थकों को टिकट नहीं मिले है।
चर्चा है कि दूसरी लिस्ट भी वसुंधरा राजे समर्थक नेताओं के होश उड़ा सकती है। क्योंकि सबसे ज्यादा मारामारी जयपुर की सीटों को लेकर है।
पहली लिस्ट में जयपुर की झोटवाड़ा और विद्याधरन नगर से पार्टी प्रत्याशी बदल दिए गए है। चर्चा है कि नए चेहरे भी देखने को मिले, जिन्होंने अब तक चुनाव नहीं लड़ा है।
वहीं एक दो सीट भी बदल सकती है। इनमें जीती हुई सीट भी शामिल हो सकती है। प्रदेश भाजपा संगठन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी इस संबंध में चर्चा की है।
इसके बाद ही सीटों पर चेहरे बदले की जरूरत उच्च स्तर तक पहुंचाई गई। मालूम हो, 2018 के विधानसभा चुनावों में सांगानेर से अशोक लोहाटी और मालवीय नगर से कालीचरण सराफ विधायक बने थे।
दोनों ही वसुंधरा राजे समर्थक माने जाते हैं। लेकिन जीत के बावजूद अब इनके टिकट खतरे में हैं। इसी प्रकार पिछली बार आदर्श नगर से हारे अशोक परनामी (Ashok Parnami) और बगरू से कैलाश वर्मा (Kailash Verma) के टिकट भी खतरे में हैं।
पार्टी जयपुर शहर (Jaipur City) में फिर से सभी सीट जीतकर धाक जमाना चाहती है। जहां टक्कटर की स्थिति है, वहीं कुछ दिन पहले फिर से सर्वे कराया गया। यहां तक की दावेदारों के काम की हर पहलु की जांच की गई है।
इसमें जनता से जुड़ाव, सोशल मीडिया (Social Media) पर सक्रियता, हर दिन जनता दरबार जैसे काम से जुड़ना मुख्य है।पार्टी हर प्रमुख दावेदार का होमवर्क चैक कर रही है।
इसमें मुख्य रूप से यह देखा जा रहा है कि दावेदार कितना जनता के बीच रहा है। जनता के लिए कितनी बार सड़क पर उतरा, उसके लिए कहां कहां गया। इसके अलावा सोशल मीडिया पर कितना सक्रिय रहा। इससे जनता में उस दावेदार की पहुंच और छवि दोनों का आकलन होगा।