गहलोत सरकार पर राठौड़ का हमला: राज्यवर्धन सिंह बोले- धार्मिक यात्रा पर पाबंदी लगा वोट बैंक बचा रही है सरकार
भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला है। राठौड़ ने राजस्थान में बढ़ते महिला अपराधों और धार्मिक यात्राओं पर पत्थरबाजी की घटना को लेकर गहलोत सरकार को निशाने पर लिया है।
जयपुर । राजस्थान में जहां एक ओर कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट खुद ही अपनी सरकार के सीएम अशोक गहलोत को निशाना बना रहे हैं वहीं दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी भी सीएम गहलोत साब को लगातार निशाने पर ले रही है।
अब भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला है।
राठौड़ ने राजस्थान में बढ़ते महिला अपराधों और धार्मिक यात्राओं पर पत्थरबाजी की घटना को लेकर गहलोत सरकार को निशाने पर लिया है।
राठौड़ ने रविवार को भाजपा कार्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान गहलोत सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि गहलोत सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है और अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए धार्मिक यात्रा पर पाबंदी लगा रही है।
राठौड़ ने हिंदू राग अलापते हुए कहा कि, राजस्थान में निर्दाेष हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है, महिलाओं और बच्चियों के साथ अपराध की घटनाएं हो रही हैं।
लेकिन गहलोत सरकार आंखें मूद कर बैठी है और आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। ऐसे में तो लगता है कि गहलोत सरकार अलगाववादी ताकतों के साथ खड़ी है।
सांसद ने हाल ही में बाढ़मेर के बालोतरा में दलित महिला के साथ बलात्कार और एसिड डालकर जिंदा जलाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि, इस खौफनाक घटना ने गहलोत सरकार के कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है।
घटना के बाद भी पुलिस ने तुरंत कार्रवाई नहीं की और आरोपी को सजा देने के बजाए इस मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा था।
सांसद ने बाढ़मेर बलात्कार और हत्या मामले में पीड़ित परिवार को तुरंत न्याय दिलाने और दोषी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
इसी के साथ सांसद राज्यवर्धन राठौड़ ने उदयपुर में धारा 144 लगाने को लेकर भी सरकार पर प्रहार किया है।
राठौड़ ने कहा कि, अंग्रेजों के समय में भी धार्मिक यात्रा पर पाबंदी नहीं लगाई गई। ये तो बहुसंख्यक वर्ग को परेशान करने वाली बात है।
धार्मिक यात्राओं पर पत्थरबाजी की जा रही है लेकिन सरकार अपना वोट बैंक बचाने के लिए दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि, अगर बहुसंख्यक वर्ग सरकार की इन गलत नीतियों का विरोध करती है तो उनके खिलाफ मुकदमे लगा दिए जाते हैं।
लेकिन अब प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं जिसमें प्रदेशवासी गहलोत सरकार का सूपड़ा साफ कर देंगे।