जालोर: ओडवाड़ा वासियों को राहत, हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने पर लगाई रोक, पहले दिन में 70 मकान को तोड़ा
हजारों लोगों के लिए राहत, नहीं तोड़े जाएंगे घर जालोर में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर हाईकोर्ट की रोक पहले दिन 70 मकान तोड़े गए
जालोर | जालोर से आहोर तहसील से ओडवाड़ा गांव में चल रही अतिक्रमण हटाने एवं घरों को तोड़ने की कार्रवाई पर जोधपुर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। न्यायाधीश विनीत माथुर की बैंच ने 29 लोगों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया।
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता श्याम पालीवाल ने कोर्ट में कहा कि हमारे पास पट्टा है, सनद है तथा इन आवासों पर पीढ़ियों से पिछले करीब 80 सालों से लोग उन मकानों में निवास कर रहे हैं।
इन मकानों में हमारे परदादा- दादा, पिता एवं आगे कही पीढ़ी से लेकर हम लोग रहते आ रहे हैं। इतना ही नहीं इन मोहल्लों में राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा जो भी व्यवस्था, सरकारी योजनाओ द्वारा भी वेलफेयर डेवलपमेंट किया है। बिजली एवं पानी के कनेक्शन भी दिए हुए हैं।
ऐसे में यह एक व्यक्ति की पिटीशन एवं अपील पर हमें अतिक्रमी नहीं माना जा सकता है। हाईकोर्ट के जज ने सुनवाई के बाद इस पर अतिक्रमण हटाने के आदेश पर रोक लगाते हुए आदेश की पालना करने के लिए निर्देश दिए। सरकार की ओर से अतिरिक्त जनरल वकील राजेश जी पंवार ने पक्ष रखा।
असल में, ओडवाड़ा गांव की 35 एकड़ भूमि को हाईकोर्ट ने ओरण क्षेत्र मानते हुए यहां से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद 268 मकानों कच्चे मकानों बाड़ों एवं अतिक्रमित की गयी जगह को हटाने के लिए गुरुवार से कार्रवाई शुरू की गई थी।
पहले दिन 70 से अधिक घरो की चारदीवारी, बाडो को तोड़ा गया। इधर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की एक टीम भी आज मौके पर पहुंचेगी। पूर्व मुख्यमत्री अशोक गहलोत ने भी संवेदना व्यक्त की गयी |