दौसा में होगी जनसभा : सचिन पायलट का विमान ऑटो मोड पर,11 जून को कहाँ होने वाला है लैंड
राजस्थान की सियासत में इन दिनों बड़ी उथल - पुथल मची हुई है. जैसे - जैसे 11 जून की तारिख नजदीक आती जा रही है वैसे - वैसे राजस्थान की सियासत पर अनिश्चितताओं के बादल मंडराते जा रहे है.
Jaipur | राजस्थान की सियासत में इन दिनों बड़ी उथल - पुथल मची हुई है. जैसे - जैसे 11 जून की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे - वैसे राजस्थान की सियासत पर अनिश्चितताओं के बादल मंडराते जा रहे है. मीडिया से लेकर राजस्थान का प्रत्येक नागरिक इस तरह सवाल का जवाब तलाश रहा है कि 11 जून को राजस्थान की सियासत में आखिर क्या होने वाला है ?
रही सही कसर नेता - प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने पूरी कर दी. सचिन पायलट को लेकर किए गए एक सवाल पर राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि पायलट का जहाज फ़िलहाल ऑटो मोड पर है और वह कहीं भी लैंड हो सकता है.
सही सवाल अब लगातार बना हुआ है कि क्या वाकई 11 जून को सचिन पायलट का जगह कांग्रेस को छोड़कर किसी दुसरी जगह लैंड होने वाला है. इस सवाल का कुछ हद तक जवाब पायलट खेमे के विधायक और राजस्थान सरकार में मंत्री मुरारीलाल मीणा ने दिया है.
पत्रकारों ने बातचीत में हालाँकि मुरारीलाल ने इस तरह की सम्भावनाओ पर विराम लगा दिया लेकिन साथ ही यह संकेत दिया कि वे आलाकमान के ज्यादा नजदीक नहीं है. और गाइड लाइन को ही फॉलो करते है.
आगे मुरारीलाल मीणा ने यह भी बताया कि दौसा में 11 जून को सचिन पायलट के पिता और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे राजेश पायलट की स्मृति में एक बड़ा कार्यक्रम होने वाला है. इस कार्यक्रम के लिए एक बार फिर से बड़ी भीड़ जुटाने की तैयारी है. ऐसे में जान - संघर्ष यात्रा के बाद पहला मौका होगा जब सचिन पायलट बड़ी भीड़ को सम्बोधित करेंगे.
इस कार्यक्रम में राजेश पायलट की मूर्ती अनावरण के अलावा और क्या खास होने वाला है यह जानकारी तो फिलहाल सामने नहीं आई है लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स अलग ही तरह का दावा कर रहीं है.
मीडिया रिपोर्ट्स खुलासा करती है आलाकमान के दखल से अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच हुए समझौते से सचिन पायलट खुस नहीं है और वे अलग राजनीतिक दल बनाकर एक बड़ा सियासी फैसला ले सकते है.
इसी बीच चर्चा है कि स्टार रणनीतिकार प्रशांत किशोर अब सचिन पायलट के लिए रणनीति बना रहे है. एक रिपोर्ट की माने तो पायलट की जन - संघर्ष यात्रा का पूरा खाका भी प्रशांत किशोर की टीम ने ही तैयार किया था.
एक रिपोर्ट तो ये भी दावा कर चुकी है कि प्रशांत किशोर की टीम राजस्थान में अपना ऑफिस खोल चुकी है और बड़े स्तर पर इंटर्न भर्ती कर रही है. साथ ही प्रशांत किशोर की टीम के कॉल्स भी राजस्थान के लोगों के पास सर्वे के लिए पहुंच रहे है.
इन सब तथ्यों के आधार पर इतना तो तय है कि राजस्थान को लेकर प्रशांत किशोर बड़े स्तर पर काम कर रहे है. और बहुत से ऐसे तथ्य है जो कही ना कही प्रशांत किशोर और सचिन पायलट को एक जगह मिलाते है.
बहरहाल चर्चाओ का बाजार गर्म है कि सचिन पायलट 11 जून को अपना राजनीतिक दल बनाने जा रहे है. लेकिन ना तो खुद सचिन पायलट और ना ही प्रशांत किशोर की तरफ से ऐसा कोई ठोस दावा किया गया है. ऐसे में तमाम तरह की संभावनाओं के बीच क्या होने वाला है आने वाले ग्यारह जून को यह सिर्फ सचिन पायलट ही जानते है.\