नहीं चल पाई जादूगर की जादूगरी: नहीं माने ये बागी, कांग्रेस के खिलाफ ही खोल रखा है मोर्चा, अब चुनावी समीकरण बिगाड़ सकते हैं

नामांकन वापसी के अंतिम दिन पार्टी ने कई बागियों को समझाकर नाम वापसी करवा दी है, लेकिन फिर भी बहुत से नेताओं ने नाम वापस नहीं लिए हैं और पार्टी की मुश्किल बढ़ा दी है। 

Ashok Gehlot

जयपुर | राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 (Rajasthan Election 2023) में टिकट नहीं मिलने से नाराज हुए कांग्रेस के बागियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की परेशानी बढ़ा रखी है। 

हालांकि, नामांकन वापसी के अंतिम दिन पार्टी ने कई बागियों को समझाकर नाम वापसी करवा दी है, लेकिन फिर भी बहुत से नेताओं ने नाम वापस नहीं लिए हैं और पार्टी की मुश्किल बढ़ा दी है। 

गौरतलब है कि राजस्थान में इस बार सीएम अशोक गहलोत ने दावा किया है कि रिवाज पलटेगा, परंपरा टूटेगी और कांग्रेस सरकार रिपीट होगी। 

ऐसे में बगावत पर उतरे ये बागी नेता कांग्रेस के लिए खासी परेशानी खड़ी कर सकते हैं और सियासी समीकरणों को बिगाड़ सकते हैं। 

नहीं माने ये बागी, कांग्रेस के खिलाफ ही खोल रखा है मोर्चा

- खिलाड़ीलाल बैरवा, 
- जोहरीलाल मीणा, 
- रामलाल मेघवाल, 
- नरेश मीणा, 
- फतेह खान, 
- श्रीगोपाल बहेती, 
- ओम बिश्नोई, 
- दुर्ग सिंह चौहान, 
- देवाराम रोत, 
- हबीब उर रहमान, 
- करुणा चांडक, 
- मनोज चौहान, 
- आलोक बेनीवाल, 
- सुनिल परिहार, 
- कैलाश मीणा, 
- राजकरण चौधरी, 
- अजीजुद्दीन आजाद, 
- वीरेन्द्र बेनीवाल, 
- राकेश बोयत, 
- रामनिवास गोयल, 
- महेन्द्र बारजोड 
- गोपाल गुर्जर। 

राजस्थान में बगावत पर उतरे कांग्रेसी नेताओं को मनाने के लिए पार्टी ने मुकुल वासनिक को राजस्थान भेजा था, लेकिन जब उनसे भी बात नहीं बन पाई तो आखिरका जादूगर कहे जाने वाले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को मोर्चा संभालना पड़ा था।

जिसके बाद सीएम गहलोत ने अपना सियासी दांव खेलते हुए कई बागियों को मनाने में कामयाबी हासिल कर ली। 

इन बागियों ने टेक दिए घुटने 

- पिपल्दा से सरोज मीणा, 
- अजमेर दक्षिण से हेमंत भाटी, 
- मसूदा से ब्रह्मदेव कुमावत, 
- फलोदी से कुंभसिंह, 
- सूरतगढ़ से बलराम वर्मा, 
- टोंक से मोहसिन रशीद, 
- हवामहल से गिरीश पारीक, 
- पिलानी से अनुराग जोया, 
- बड़ी सादड़ी से पूर्व विधायक प्रकाश चौधरी, 
- झालरापाटन से शैलेंद्र यादव, 
- सांगानेर से बसपा प्रत्याशी,
- सूरसागर से रामेश्वर दाधीच।