राजपूत धर्मशाला हितार्थ: हरिद्वार में राजपूत जोधपुर संभाग ट्रस्ट की दो दिवसीय बैठक
₹5.51 लाख की राशि दान करने वाले व्यक्ति को आजीवन ट्रस्टी बनाया जाएगा और सेवा भाव से कार्य करने वाले लोगों को मनोनीत ट्रस्टी के रूप में जोड़ा जाएगा। भविष्य में क
हरिद्वार | हरिद्वार स्थित राजपूत जोधपुर संभाग सभा भवन में दो दिवसीय महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता रतनसिंह तूरा ने की, जबकि रामसिंह, जगतसिंह और मदनसिंह मंचासीन रहे। बैठक का संचालन रामसिंह चारणीम ने किया। इस बैठक में मुम्बई, हैदराबाद, अंकलेश्वर, मैसूर, गोवा, राजमूंदड़ी, भरुच और चेन्नई जैसे कई शहरों से प्रवासी समाजबंधुओं ने भाग लिया, वहीं राजस्थान के जोधपुर, नागौर, पाली जिलों से भी बड़ी संख्या में प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
बैठक की शुरुआत ट्रस्टी स्व. अर्जुनसिंह बालावत और स्व. प्रतापसिंह खाराबेरा को श्रद्धांजलि अर्पित करने से हुई। इसके बाद रामसिंह चारणीम ने गत बैठक की कार्यवाही का वाचन किया और सभी अतिथियों का स्वागत किया। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि ₹5,51,000 की राशि का योगदान देने वाले व्यक्ति ट्रस्ट के आजीवन ट्रस्टी रहेंगे। इसके अतिरिक्त, तन-मन से सेवा करने वाले लोगों को मनोनीत ट्रस्टी बनाया जाएगा। जिन्होंने अब तक निर्धारित राशि का भुगतान नहीं किया है, उनके नाम ट्रस्ट की सूची से हटाए जाएंगे। यह भी स्पष्ट किया गया कि भविष्य में कोई नया ट्रस्टी नहीं बनाया जाएगा, केवल आजीवन सदस्य ही जोड़े जाएंगे। तथा प्रस्ताव रखा हरिद्वार धर्मशाला भवन को अतिथि गृह में परिवर्तित किया जाए।
बैठक में तय किया गया कि राणी भटियाणी ट्रस्ट को बकाया भुगतान 10 दिनों के भीतर कर दिया जाएगा। हरिद्वार स्थित जोधपुर संभाग ट्रस्ट को मिलने वाली समस्त राशि उसी ट्रस्ट के हित में खर्च की जाएगी। ट्रस्ट के खाते का बैलेंस शीट, आयकर स्थिति आदि नियमित रूप से सार्वजनिक की जाएगी, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। सभी आर्थिक गतिविधियां 'ब्लैक एंड व्हाइट' में ही होंगी और एक निर्धारित कार्ययोजना के तहत ही संचालन किया जाएगा।
भोजनशाला संबंधी नियमों को लेकर भी विशेष रूप से चर्चा की गई। निर्णय लिया गया कि भोजनशाला के लिए प्राप्त राशि और सामग्री का उपयोग केवल भोजनशाला के संचालन में ही होगा। इस दौरान रामसिंह चारणीम ने समाज से प्राप्त आय-व्यय का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। साथ ही, समाज में शिक्षा और सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रगतिशील सोच अपनाने का आह्वान किया गया।
बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि परिसर में किसी भी व्यक्ति की गाड़ी पार्क नहीं की जाएगी और नियम सभी पर समान रूप से लागू होंगे। पार्किंग की सुविधा के लिए अलग से स्थान लेने का प्रस्ताव पारित किया गया। ट्रस्टियों और सदस्यों की एक अस्थायी सूची भी शीघ्र जारी की जाएगी, जिसमें ₹51,000 या अधिक योगदान देने वालों के नाम दर्ज होंगे।
धर्मशाला के प्रचार-प्रसार के लिए विज्ञापन, होर्डिंग और ऑनलाइन माध्यमों का प्रयोग किया जाएगा। भोजनशाला की राशि बैंक में नकद और एफडी के रूप में जमा रहेगी, जिससे मिलने वाले ब्याज से भोजनशाला का संचालन किया जाएगा। समाज के प्रत्येक व्यक्ति को मात्र ₹100 में शुद्ध, सात्विक एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध करवाया जाएगा।
व्यवस्थापक शार्दूलसिंह ने भोजनालय की डीड और व्यय का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। भोजनशाला के किराएदार अमितभाई के साथ डीड को अंतिम रूप देने पर चर्चा हुई। व्यवस्थापक की ओर से शिकायत रजिस्टर और शिकायत हेतु व्हाट्सएप नंबर स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया। इस व्यवस्था के संचालन हेतु रामसिंह चारणीम और चामुंडरायसिंह को अधिकृत किया गया।
इसके अलावा, रामसिंह चारणीम और मदनसिंह बालोत को दो दिन हरिद्वार में रहकर बैंक, आर्किटेक्ट, लीगल और मारवाड़ से जुड़े ट्रस्ट के कार्यों को अंतिम रूप देने की जिम्मेदारी सौंपी गई। संस्था के डिजिटल भुगतान के लिए क्यूआर कोड स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया, जिससे फोन पे जैसे माध्यमों से धनराशि प्राप्त की जा सके।
बैठक के अंत में सभी प्रस्ताव पढ़कर सुनाए गए और नीचे सूचीबद्ध ट्रस्टियों व सदस्यों ने अपनी सहमति व्यक्त की:
रामसिंह चारणीम (हैदराबाद)
चामुंडरायसिंह (रोहट)
मदनसिंह बालोत (गुड़ा बालोतान)
मदनसिंह कुम्पावत (संदारड़ा, बैंगलोर)
रामसिंह धवेचा (दूदवा, जालोर)
जगतसिंह उगमसिंह राणावत (साण्डेराव, पाली)
गणपतसिंह देवड़ा (वाड़का, राजमंद्री)
भूपेन्द्रसिंह देवड़ा (जाखड़ी, चेन्नई)
नरपतसिंह महेचा (सिमालिया, गोवा)
दलपतसिंह भायल धीरा (गोवा)
नाथूसिंह बालावत (तीखी, दिल्ली)
सुमेरसिंह (गजसिंहपुरा)
मेघसिंह चम्पावत (मालारी, भरुच)
देवीसिंह गुमानसिंह चौहान (अंकलेश्वर)
कालूसिंह भंवरसिंह भाटी
रघुनाथसिंह भीमसिंह सुवाणा
भंवरसिंह कुंपावत (बागोटिया)
गोपालसिंह कुंपावत (रड़ोद)
रतनसिंह तूरा (मुम्बई)
क्रुपालसिंह नोसर (मैसूर)
गुलाबसिंह (भोपालगढ़)
अर्जुनसिंह देवड़ा (सवराटा, सिरोही)
भगवानसिंह जैतावत (कैरखेड़ा, बैंगलोर)
आईदानसिंह राठौड़
यह बैठक ट्रस्ट की कार्यप्रणाली को पारदर्शी, संगठित और सेवा केंद्रित बनाने की दिशा में एक अहम प्रयास रही। इसमें लिए गए निर्णय न केवल संगठन को मजबूती देंगे, बल्कि समाज के युवाओं को भी प्रेरित करेंगे कि वे अपने सामाजिक दायित्वों के प्रति सजग और सक्रिय रहें।