भारतीय छात्र: क्या कारण है दुनिया के कई देशों में लगातार भारतीय टारगेट होने का
अमरीका में पिछले एक साल के दौरान भारतवंशियों के दुर्घटनाग्रस्त व गुमशुदा होने के मामले बढ़े हैं तो बहुत सारे भारतवंशियों की हत्या के मामले भी सामने आए हैं। ऐसे में हर भारतीय का चिंतित होना स्वाभाविक है।
नई दिल्ली | अमरीका सहित कई देशों में एनआरआई (NRI) कहीं दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं, कहीं वे लापता हो रहे हैं तो कहीं उनकी हत्या हो रही है। यह तथ्य सामने आया है कि अधिकतर एनआरआई(NRI) दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं तो सवाल यह पैदा होता है कि वे कहीं जानबूझ कर निशाना (Indians on Target) तो नहीं बनाए जा रहे हैं | ऐसे में आज देशों में भारतीयों की सुरक्षा(Indians Safety) एक सबसे बड़ा मामला बन गया है।
खुद को असुरक्षित महसूस करते भारतीय
भारत का टेलेंट(Talent) पढाई और जॉब के लिए भले ही विदेशों की ओर रुख कर रहा हो, लेकिन हमारे नौजवानों की उन्नति और उनकी सफलता जहां हमारे लिए गर्व का विषय है, वहीं पश्चिम के कई लोगों के लिए ईर्ष्या(jealousy) का विषय भी रहा है। ऐसे में शक की सूई उन लोगों की ओर घूूमती है जो भारत की प्रगति और भारत की प्रतिभाओं की संख्या में हो रहे बढ़ोतरी के कारण खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। विभिन्न देशों में 11 लाख से 12 लाख भारतीय छात्र रहते हैं। भारत में रहने वाले कई छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से दूसरे देश जाते हैं। ऐसे देशों में अमरीका, इंग्लैंड, रूस और कनाडा का नाम सबसे पहले आता है।
कनाडा की रिपोर्ट के अनुसार
कनाडा की पिछले साल की एक रिपोर्ट के अनुसार सन 2023 तक 403 भारतीय विदयार्थी गुम हो गए , रिपोर्ट में यह बताया गया था कि कनाडा ( Canada) में सबसे ज्यादा भारतीय विदयार्थियों की हत्या हुई है, वहीं 48 मौतें ब्रिटेन में हुई हैं। भारत सरकार की ओर से 7 सितंबर 2023 को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार सन 2018 के बाद से दूसरे देश में विभिन्न कारणों से 403 भारतीय छात्रों की मौत होने का उल्लेख(Mention) किया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार दुनिया(World) के 34 देशों में कनाडा में सबसे ज्यादा 91 मौतें हुई हैंं।
इन देशों में सबसे अधिक मामले
जानकारी के अनुसार इस साल अमरीका ( America) में लगभग दो दर्जन भारतीय अपहरण या दुर्घटना का शिकार हुए अथवा लापता हुए या उनकी हत्या हुई है। जिन देशों में एनआरआई(NRI) कहीं दुर्घटनाओं का शिकार और लापता व हत्या होने के मामले ज्यादा सामने आए है, वे अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, यूक्रेन, कनाडा, ब्रिटेन, रूस, जर्मनी, साइप्रस, इटली और फिलीपींस हैं ।
बड़ी चिंता का विषय सरकार के लिए
विदेश मंत्री एस(S) जयशंकर ने विदेशों में हिंसक हमलों का शिकार बनने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में वृद्धि के बारे में कहा है “जाहिर तौर पर, हर मामले में, जहां भी छात्रों के साथ कुछ भी दुर्भाग्यपूर्ण हुआ है, वह बड़ी त्रासदी है।” परिवार के लिए, और हमारे लिए एक बड़ी चिंता का विषय है लेकिन हमारे दूतावास(embassies) या वाणिज्य दूतावास(Commerce embassy) ने हर मामले को देखा है और वे वास्तव में असंबद्ध हैं।”अमरीका में पिछले एक साल के दौरान भारतवंशियों के दुर्घटनाग्रस्त व गुमशुदा होने के मामले बढ़े हैं तो बहुत सारे भारतवंशियों की हत्या के मामले भी सामने आए हैं। ऐसे में हर भारतीय का चिंतित होना स्वाभाविक है।
संपर्क में रहें दूतावास छात्रों के साथ
विदेश मंत्री कहा कि दूतावासों(embassies) को निर्देश दिया गया है कि वे छात्रों के साथ संपर्क(Contact) में रहें और उनके साथ बातचीत करें, ताकि उन्हें विशेष रूप से शहरों के खतरनाक इलाकों से बचने के बारे में चेतावनी दी जा सके। जयशंकर ने कहा, “छात्र कल्याण बहुत महत्वपूर्ण है। जैसा कि मैंने कहा, बाहर जाने वाले प्रत्येक भारतीय को मोदी की गारंटी है। छात्र कल्याण(student welfare) हमारे लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।”