राजस्थान में महिलाएं होंगी गेम चेंजर: मतदान के बाद भाजपा-कांग्रेस क्या इसलिए कर रही खुद की जीत के दावें
गत वर्ष के मुकाबले महिला मतदान में 0.05 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस बार 74.72 प्रतिशत महिलाएं मतदान करने पहुंची। ऐसे में इस बार चुनावों में महिलाओं को गेम चेंजर माना जा रहा है। महिलाओं का मतदान प्रतिशत बढ़ने से कांग्रेस पार्टी काफी उत्साहित है।
जयपुर | राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 संपन्न हो गए हैं और रिकॉर्डतोड़ वोटिंग के चलते 75.45 प्रतिशत वोटिंग हुई है।
बंपर वोटिंग को देखते हुए दोनों ही मुख्य दल भाजपा और कांग्रेस काफी उत्साहित हैं।
जहां भाजपा का दावा है कि इस बार राजस्थान में कमल खिलेगा तो वहीं कांग्रेस का दावा है कि अबकी बार गहलोत सरकार रिपीट होने जा रही है।
इस बार हुए विधानसभा चुनाव में महिलाओं का योगदान पुरुषों से ज्यादा रहा है। वोटिंग प्रतिशत में भी महिलाओं ने बाजी मारी है।
चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 75.45 फीसदी मतदान हुआ।
जिसमें गत वर्ष के मुकाबले महिला मतदान में 0.05 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस बार 74.72 प्रतिशत महिलाएं मतदान करने पहुंची।
ऐसे में इस बार चुनावों में महिलाओं को गेम चेंजर माना जा रहा है। महिलाओं का मतदान प्रतिशत बढ़ने से कांग्रेस पार्टी काफी उत्साहित है।
तो क्या इसलिए होंगी कांग्रेस के लिए गेम चेंजर ?
दरअसल, कांग्रेस की अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार ने महिलाओं के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं। जिनमें फ्री शिक्षा से लेकर फ्री सेनेटरी नैपकिन वितरण साथ ही परिवार की मुखिया को 10 हजार रुपये देने का वादा भी शामिल है।
यहीं नहीं, गहलोत सरकार ने प्रदेश की एक करोड़ से ज्यादा महिलाओं को मोबाइल और इंटरनेट फ्री दिए हैं। जिनमें से करीब 60 महिलाओं को तो फोन मिल भी चुके हैं और जो बचे है वो आचार संहिता मिलने के बाद मिलने की उम्मीद है।
वहीं दूसरी ओर, भाजपा ने भी महिलाओं के मुद्दों को लेकर पिछले पांच साल सड़कों पर उतरकर संघर्ष किया है।
रिकॉर्ड वोटिंग से भाजपा भी उत्साहित
प्रदेश में महिलाओं पर बढ़े अपराध और अत्याचार को लेकर पुलिस के डंडे झेले हैं। ऐसे में उनका मानना है कि महिलाओं ने इस बार भाजपा के पक्ष में वोट दिए हैं।
अब 3 दिसंबर को मतगणना के बाद ही ये साफ हो पाएगा कि अशोक गहलोत की सरकार रिपीट होती है या भाजपा का कमल खिलता है।