माउंट आबू में अवैध निर्माण का बड़ा खेल: रसूखदारों की कोठियां, आम जनता पर रोक

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माउंट आबू | राजस्थान का इकलौता हिल स्टेशन माउंट आबू लगातार अवैध निर्माण के कारण संकट में है।

जहाँ एक ओर आम आदमी अपने घर की मरम्मत तक के लिए प्रशासन से अनुमति लेने को मजबूर है, वहीं दूसरी ओर बड़े उद्योगपति और राजनीतिक रसूख वाले लोग आलीशान भवन खड़े कर रहे हैं।

ओरिया पंचायत का मामला
यह ताज़ा मामला ओरिया ग्राम पंचायत, अचलगढ़ के पास का है। यहां गुजरात के एक बड़े रसूखदार का विशाल भवन खड़ा हो चुका है।
स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब आम नागरिक अपने घर की दीवार पर एक ईंट लगाने के लिए भी इजाज़त नहीं ले पाता, तो ऐसे निर्माण प्रशासन की नज़र से कैसे बच जाते हैं?

अफसरों और नेताओं की मिलीभगत
लोगों का आरोप है कि इस पूरे खेल में अफसर, नेता और रसूखदारों की मिलीभगत शामिल है।
“सीवरेज बजरी” और “मरम्मत अनुमति” जैसे बहानों के ज़रिए बड़े-बड़े होटल और कोठियां बनती चली जा रही हैं।
लेकिन आम जनता की आवाज़ अनसुनी कर दी जाती है।

यह फोटो तीन माह पुराना है, जब निर्माण चल रहा था

प्रकृति और पर्यावरण पर संकट
माउंट आबू, जिसे राजस्थान का ‘हिल स्टेशन का स्वर्ग’ कहा जाता है, अब बेतहाशा निर्माण का शिकार हो रहा है।
वन्यजीवों का आवास उजड़ रहा है और भालू व पैंथर जैसी प्रजातियां अब इंसानी बस्तियों में भटकने को मजबूर हैं।

एसडीएम का सर्वे और सवाल
इस पूरे प्रकरण में हैरत की बात यह है कि उपखंड मजिस्ट्रेट (एसडीएम) डॉ. अंशु प्रिया ने इस इलाके का सर्वे करवाया था।
लेकिन आश्चर्य यह है कि इतना बड़ा भवन उस सर्वे में शामिल ही नहीं किया गया।
एसडीएम ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी मिल गई है और जल्द कार्यवाही की जाएगी।

बड़ा सवाल
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि –
क्या नियम सिर्फ आम जनता पर लागू होंगे और रसूखदार खुलेआम कानून तोड़ते रहेंगे?
या प्रशासन सच में कार्रवाई करके माउंट आबू को अवैध कब्जों से बचाएगा?

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