डिस्कॉम ट्रांसफार्मर घोटाला: विभागीय जांच के बीच मामला पहुंचा पुलिस तक

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शिवगंज

जोधपुर डिस्कॉम के शिवगंज वृत कार्यालय में हुए कथित ट्रांसफार्मर घोटाले में छह दिन बाद कार्रवाई हुई है। सहायक अभियंता की रिपोर्ट के आधार पर ठेकेदार फर्म के मालिक, सुपरवाइजर और डिस्कॉम के कुछ अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज किया गया है।

हालांकि एफआईआर में अभी अधिकारियों के नाम उजागर नहीं किए गए हैं — जांच के बाद ही यह जानकारी सामने आएगी।

क्या है पूरा मामला?

वर्ष 2023-24 व 2024-25 में जोधपुर डिस्कॉम ने शिवगंज वृत कार्यालय को
805 थ्री-फेज और 270 सिंगल-फेज, कुल 1075 ट्रांसफार्मर बदलने के लिए आवंटित किए।

इनमें से सिर्फ 166 ट्रांसफार्मर ही निगम में वापस जमा हुए, जबकि
909 ट्रांसफार्मर का कोई रिकॉर्ड निगम के पास नहीं है।

ठेकेदार फर्म को 117 ट्रांसफार्मर बदलने का ठेका दिया गया था,
लेकिन फर्म ने 139 ट्रांसफार्मर बदलने का बिल बना कर भुगतान लिया।

रिपोर्ट में दावा किया गया कि जले हुए ट्रांसफार्मर व ऑयल निगम में जमा नहीं कराए गए और उन्हें खुर्दबुर्द कर दिया गया।

 पुलिस ने क्या कहा?

पुलिस निरीक्षक बाबूलाल राणा के अनुसार:

सहायक अभियंता की ओर से 22 जून को प्रारंभिक रिपोर्ट दी गई थी।

तथ्यों की कमी के कारण उन्हें और जानकारी मांगी गई।

28 जून को पूर्ण रिपोर्ट आने के बाद मेसर्स श्याम इलेक्ट्रिकल हिंडौनसिटी के मालिक अजय सिंह राठौड़ और सुपरवाइजर महेशचंद्र गुप्ता सहित अन्य कर्मचारियों पर केस दर्ज किया गया।

अभी तक अधिकारियों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।

????️ निलंबित सहायक अभियंता अशोक मीना की सफाई

 बातचीत में अशोक मीना ने कहा:

> "कोई घोटाला नहीं हुआ है। जांच के बाद सब साफ हो जाएगा।"

मीना के अनुसार, जिन ट्रांसफार्मरों की बात की जा रही है वे विफर जॉय के समय दिए गए थे।

भारी बारिश व तूफान के कारण कई ट्रांसफार्मर कृषि कनेक्शनों पर जल गए या गिर गए थे।

उस समय किसानों को त्वरित राहत देने के लिए नए ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराए गए थे।

लेकिन अधिकांश पुराने ट्रांसफार्मर लौटाए नहीं गए, और आज भी साइटों पर पड़े हुए हैं।

 कहाँ हैं ट्रांसफार्मर?

स्थिति अनुमानित संख्या

निगम में जमा लगभग 200
GSS शिवगंज व पालड़ी में लगभग 480
साइट्स पर अभी भी पड़े शेष ट्रांसफार्मर


मीना ने बताया कि अब कर्मचारी इन ट्रांसफार्मरों को वापस जमा कराने में लगे हुए हैं।


क्या आगे आएगा सच सामने?

मीना ने अपनी बात दोहराते हुए कहा:

 "संभव है कि कुछ ट्रांसफार्मर ठेकेदार के लोगों ने इधर-उधर किए हों,
लेकिन मेरे कार्यकाल में ऐसा कुछ नहीं हुआ।
जांच के बाद असली जिम्मेदार सामने आ जाएंगे।"

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