सिरोही, 31 जुलाई | राजस्थान का प्रमुख पर्यटन स्थल माउंट आबू इस समय एक गंभीर आरोप के चलते सुर्खियों में है। यहां नाबालिग बालिकाओं के कथित देह व्यापार को लेकर महिला कांग्रेस ने चिंता जताते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। इस सिलसिले में महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव हेमलता शर्मा, जिला अध्यक्ष रेणुलता व्यास और पूर्व पार्षद सुंदर माली ने सिरोही के पुलिस अधीक्षक डॉ. प्यारेलाल शिवरान को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में हाल ही में भाजपा की जिला मंत्री गीता अग्रवाल द्वारा दिए गए उस बयान का हवाला दिया गया है, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर की उपस्थिति में मंच से कहा कि “माउंट आबू में नाबालिग लड़कियों को देह व्यापार के लिए लाया जा रहा है।” महिला कांग्रेस ने इसे बेहद गंभीर आरोप बताते हुए इसे न केवल बालिकाओं की सुरक्षा, बल्कि माउंट आबू की पवित्र छवि के लिए भी बड़ा खतरा बताया।
प्रमुख मांगे:
महिला कांग्रेस ने ज्ञापन में निम्नलिखित छह मांगें रखीं:
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विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर निष्पक्ष व गहन जांच कराई जाए।
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दोषियों के खिलाफ POCSO अधिनियम और IPC की सुसंगत धाराओं में सख्त कार्रवाई की जाए।
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माउंट आबू में बालिकाओं की सुरक्षा हेतु विशेष निगरानी तंत्र की स्थापना हो।
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पीड़ित बालिकाओं के लिए पुनर्वास योजना बनाई जाए और उस पर सामाजिक कल्याण विभाग की निगरानी हो।
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आमजन के बीच जागरूकता अभियान चलाकर ऐसी घटनाओं की सूचना देने के लिए प्रेरित किया जाए।
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बाल कल्याण समितियों और एनजीओज़ को जांच व पुनर्वास कार्य में सक्रिय रूप से शामिल किया जाए।
महिला कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि सिरोही जिले से पिछले कुछ समय में 100 से अधिक लड़कियां लापता हुई हैं, जिनका अब तक कोई पता नहीं चल सका है। उन्होंने मांग की कि इन मामलों की जानकारी सार्वजनिक की जाए और बालिकाओं को खोजने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
मुख्यमंत्री से त्वरित कार्रवाई की अपील
ज्ञापन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, जो आबू विकास समिति के अध्यक्ष भी हैं, से अपील की गई है कि वे मामले की गंभीरता को समझते हुए संवेदनशीलता और त्वरितता के साथ कदम उठाएं ताकि माउंट आबू को एक सुरक्षित और सम्मानजनक पर्यटन स्थल के रूप में फिर से स्थापित किया जा सके।
पुलिस अधीक्षक ने दिया भरोसा
ज्ञापन प्राप्त करते हुए सिरोही पुलिस अधीक्षक डॉ. प्यारेलाल शिवरान ने महिला कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाएगी और ज्ञापन में उठाई गई सभी मांगों को सरकार तक पहुंचाया जाएगा।
यह मामला अब सिर्फ एक स्थानीय मुद्दा नहीं, बल्कि बाल सुरक्षा और पर्यटन स्थलों की गरिमा से जुड़ा हुआ सवाल बन चुका है। आने वाले दिनों में सरकार की कार्रवाई और जांच की दिशा पर पूरे राज्य की नजर टिकी रहेगी।