सिरोही, राजस्थान |
वाडा खेड़ा जोड़ क्षेत्र में पशु चराई की अनुमति को लेकर शुक्रवार को हुए भाजपा समर्थित विरोध प्रदर्शन ने एक नया राजनीतिक मोड़ ले लिया है। पूर्व विधायक और मुख्यमंत्री के पूर्व सलाहकार संयम लोढ़ा ने इस पूरे घटनाक्रम को भाजपा की "भीतरघात की राजनीति" करार देते हुए राज्य मंत्री ओटाराम देवासी पर सीधा हमला बोला है।
“सरकार का ही मंत्री, अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन करवा रहा है” — संयम लोढ़ा
संयम लोढ़ा ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर अपने तीखे बयान में कहा:
"राजस्थान के राजनीतिक इतिहास में शायद पहली बार ऐसा हो रहा है कि सरकार का ही कोई मंत्री अपने ही कार्यकर्ताओं को आगे कर अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन करवा रहा है।"
उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब भाजपा की अंदरूनी गुटबाज़ी और जनता को भ्रमित करने की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।
सिरोही, कलेक्ट्रेट पर अपनी सरकार के खिलाफ भाजपा के लोगों से आंदोलन करवाने के सूत्रधार राज्य मंत्री ओटाराम देवासी जी की बखिया उधेड़ते हुए गौ सेवक मंगल मीणा।@BhajanlalBjp @byadavbjp @Sanjay4India1 @RajGovOfficial @RajCMO @INCRajasthan @BJP4Rajasthan @Dmsirohi pic.twitter.com/22hprea4Dj
— Sanyam Lodha (@SanyamLodha66) August 1, 2025
"वाडा खेड़ा जोड़ में पशु चराई पर कोई प्रतिबंध था ही नहीं"
पूर्व विधायक लोढ़ा ने वन विभाग की नीति का हवाला देते हुए कहा कि वाडा खेड़ा जोड़ कंजर्वेशन रिजर्व क्षेत्र में पशु चराई पर न तो पहले कभी कोई रोक थी, और न ही अब है।
उन्होंने कहा कि वन विभाग अगले दस वर्षों में इस क्षेत्र को घास के प्राकृतिक मैदान के रूप में विकसित करेगा, और स्थानीय पशुपालकों को निःशुल्क चराई की सुविधा मिलती रहेगी। ऐसे में आंदोलन का कोई वास्तविक आधार नहीं है।
भ्रष्टाचार पर भाजपा और आरएसएस को घेरा
संयम लोढ़ा ने भाजपा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप भी लगाए। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा:
सुमेरपुर में भाजपा जिला उपाध्यक्ष द्वारा थानों की नीलामी का कथित दावा
सिरोही आरटीओ निरीक्षक पर ACB की कार्रवाई
शिवगंज नगरपालिका में भाजपा मंडल महामंत्री से रिश्वत मांगने पर ट्रैप कार्रवाई
इन सभी मामलों को उजागर करते हुए उन्होंने पूछा:
"भाजपा और आरएसएस को बताना चाहिए कि सिरोही जिले में भ्रष्टाचार किसके संरक्षण में फल-फूल रहा है?"
"क्या मंत्री ओटाराम देवासी इस पर जनता को जवाब देंगे?"
राजनीति गरमाई, भाजपा कटघरे में
लोढ़ा के इस तीखे हमले के बाद सिरोही की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। जहां एक ओर मंत्री देवासी को पशुपालकों को राहत देने की घोषणा करनी पड़ी, वहीं अब विपक्ष के साथ-साथ सत्ता के अंदर से ही आवाजें उठने लगी हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद अब केवल चराई और कंजर्वेशन तक सीमित नहीं रहा — यह भाजपा के अंदर चल रही खींचतान और सियासी असंतुलन का संकेत भी दे रहा है।
निष्कर्ष: क्या सिरोही भाजपा का कमजोर किला बनता जा रहा है?
पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने जिस प्रकार से मुद्दों को सामने रखा है, वह भाजपा के लिए चुनावी दृष्टि से खतरे की घंटी बन सकता है। अगर सरकार और संगठन इस मुद्दे पर स्पष्टता नहीं लाते, तो यह विवाद दूरगामी राजनीतिक परिणाम दे सकता है।