’आप’ का आरोप: आम आदमी पार्टी को रोकने के लिए युवाओं को राजनीति में आने से रोका जा रहा, छात्रसंघ चुनाव नहीं कराना गलत
आप के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव में अगर धनबल औऱ बाहुबल का उपयोग होता है तो प्रबंधन उस पर कार्रवाई सुनिश्चित न करके सीधे सरकार द्वारा करीब 6 लाख युवाओं को वोट डालने से वंचित कर देना उचित नहीं है।
जयपुर | प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने के फैसले के बाद से जहां छात्रनेता और उनके समर्थन सड़कों पर पुलिस से आमने-सामने हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर विपक्षी पार्टियां भी सरकार को घेरने में लगी हुई है।
अब आम आदमी पार्टी ने भी गहलोत सरकार के इस फैसले का गलत बताया है।
आप के प्रदेश अध्यक्ष नवीन पालीवाल ने कहा कि पढ़े लिखे लोगों की राजनीति में जरूरत है और उन्हीं पढ़े-लिखे युवाओं को चुनाव से रोकने के कारण हमारे समाज की बागडोर एक अनपढ़ व्यक्ति के हाथ में चली जाती है जिसका खामियाजा पूरा समाज सालों तक भुगतता है।
प्रदेश सरकार को युवाओं और देश के हित के लिए अपना फैसला वापस लेना चाहिए।
नवीन पालीवाल ने कहा कि प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में कई नेता ऐसे हैं जो छात्र राजनीति से ही प्रदेश या देश की राजनीति में आए, खुद मुख्यमंत्री भी छात्र नेता रहे हैं उसके बावजूद भी प्रदेश सरकार का ये फैसला अचंभित करने वाला है।
पालीवाल ने कहा कि प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने नई शिक्षा नीति- 2020 लागू करने के साथ ही यूनिवर्सिटी में चल रही एडमिशन प्रक्रिया का हवाला दिया है।
एडमिशन प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाना और चुनाव संपन्न कराना विश्वविद्याल प्रबंधन की जिम्मेदारी है। अपनी जिम्मेदारियों से भागने के लिए चुनाव पर रोक लगवाना सही नहीं है।
6 लाख युवाओं को वोट डालने से वंचित करना उचित नहीं
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव में अगर धनबल औऱ बाहुबल का उपयोग होता है तो प्रबंधन उस पर कार्रवाई सुनिश्चित न करके सीधे सरकार द्वारा करीब 6 लाख युवाओं को वोट डालने से वंचित कर देना उचित नहीं है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल जी अक्सर कहते हैं कि सकारात्मक राजनीति के लिए पढ़े-लिखे युवाओं की सख्त ज़रूरत है और छात्रसंघ चुनाव ही युवा के मुख्य राजनीति में आने की पहली सीढ़ी माना जाता है।
पालीवाल ने कहा कि सरकार का ये फैसला किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
जिस तरह से राजस्थान के युवा आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ रहे हैं उससे सभी सियासी दलों की बेचौनी बढ़ी हुई है और सियासी दल ये अच्छे से जानते हैं कि अगर आम आदमी पार्टी को रोकना है तो युवाओं को राजनीति में आने से रोकना होगा इसलिए ये दल इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।