भाजपा में बगावत: टिकट कटा तो नेता ने गीता हाथ में लेकर खाई सौगंध- चुनाव लड़ने से कोई नहीं रोक सकता, समर्थक ने त्याग दिए जूते

आशु सिंह ने मंच से गीता पर हाथ रखकर अपने समर्थकों को विश्वास दिलाया कि कोई भी ताकत अब उन्हें चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती। वो क्षेत्र की जनता के दम पर चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे। 

BJP Leader Ashu Singh Surpura

जयपुर | राजस्थान में भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी तो कर दी है, लेकिन उसे लगातार विरोध का सामना करना पड़ रहा है। 

भाजपा के अब एक और नेता ने बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। 

वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस अपनी पहली लिस्ट के लिए जुझती दिख रही है। कांग्रेस में भी प्रत्याशियों को लेकर विरोध शुरू हो गया  है। 

9 अक्टूबर को भाजपा ने 41 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की थी। जिसमें राजधानी जयपुर की झोटवाड़ा विधानसभा सीट से पूर्व विधायक राजपाल सिंह शेखावत और भाजपा नेता आशु सिंह सुरपुरा (Ashu Singh Surpura) का टिकट काटते हुए सांसद राजवर्धन सिंह राठौड़ (Rajyavardhan Singh Rathore) को चुनावी मैदान में उतारा है। 

इसके बाद से झोटवाड़ा में दोनों उम्मीदवारों ने मोर्चा खोल रखा है। उनके समर्थक सड़कों पर उतर कर विरोधी प्रदर्शन कर रहे हैं।  नाराज समर्थकों ने आशु सिंह सुरपुरा को निर्दलीय चुनाव लड़ने का आह्वान किया है, जिसके बाद सुरपुरा ने भी भाजपा से बागी होकर निर्दलीय ताल ठोक दी है। 

आसूसिंह सूरपुरा कांग्रेस के नेता और अशोक गहलोत के खास बताए जाने वाले धर्मेन्द्र राठौड़ के रिश्तेदार हैं और कहा जा रहा है कि बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने कांग्रेस से संपर्क साधा। परन्तु टिकट देने से गोविंद सिंह डोटासरा के मना कर दिए जाने के बाद आसू सिंह ने बगावत का रुख किया है। 

गीता पर हाथ रखकर दिलाया विश्वास

आशु सिंह का कहना है कि उन्हें चुनाव ना लड़ने की कह कर बैठा दिया जाएगा। इसलिए आशु सिंह ने मंच से गीता पर हाथ रखकर अपने समर्थकों को विश्वास दिलाया कि कोई भी ताकत अब उन्हें चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती। वो क्षेत्र की जनता के दम पर चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे। 

समर्थक ने त्याग दिए जूते

आशु सिंह सुरपुरा की सभा के दौरान उनके एक समर्थक धानक्या के रहने वाले 63 साल के जगदीश यादव ने प्रण लिया है कि जब तक आशु सिंह चुनाव नहीं जीतते है तब तक वो पांव में जूते नहीं पहनेंगे और नंगे पांव ही रहेंगे।

ऐसे में उन्होंने अपने जूते सुरपुरा को सौंप दिए। समर्थक की इस भावना को देखकर आशु सिंह की भी आंखे भर आई।

अब आशु  सिंह के बगावती तेवर भाजपा के लिए नई परेशानी बनते दिखाई दे रहे हैं।