हिमाचल के बाद दिल्ली में आफत!: यमुना उफान पर, दिल्ली में मंडराया बाढ़ का खतरा, राजस्थान में नहीं रूक रही बारिश

दिल्ली में स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। इसका कारण है  यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ना। ऐसे में दिल्ली में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।  दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है।

नई दिल्ली |  राहत की बौछार कर रहा मानसून अब कई राज्यों में मौत का तांडव मचा रहा है। 

बारिश का कहर पहाड़ों से अब मैदानी इलाकों में कोहराम मचाने लगा है। ऐसे में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पर भी बाढ़ का संकट मंडरा गया है। 

दिल्ली में स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। इसका कारण है  यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ना। ऐसे में दिल्ली में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। 

खतरे के निशान के करीब यमुना का जलस्तर

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है। 

दोपहर 12 बजे पुराने रेलवे ब्रिज पर नदी का जलस्तर 204.36 मीटर दर्ज किया गया। 

हरियाणा में हो रही जोरदार बारिश के चलते हथिनीकुंड बैराज से लगातार यमुना में पानी छोड़ा जा रहा है। जिसके चलते दिल्ली में स्थिति बिगड़ती दिखाई दे रही है।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने यमुना का जलस्तर बढ़ने पर बाढ़ के खतरे और जगह-जगह हुए जलभराव को लेकर मंत्री, मेयर और अधिकारियों के साथ बैठक की है।

राजस्थान में भी कुछ इसी तरह से बारिश ने स्थिति को गंभीर कर रखा है। प्रदेश के कई इलाके जलमग्न हो गए है। 

राज्य में शनिवार से शुरू हुआ जोरदार बारिश का दौर रविवार को भी दिनभर चलता रहा जिसका क्रम सोमवार का भी जारी है। 

राजधानी जयपुर समेत प्रदेश के कई हिस्सों में सोमवार को भी सुबह से ही जमकर बारिश हो रही है। जिसके चलते निचले इलाके जलमग्न हो चुके हैं।
 
सीकर जिले में तो बाढ़ जैसे हालात नजर आ रहे हैं। बीते 24 घंटे में झुंझुनूं के उदयपुरवाटी में 124, मलसीसर में 105 और झुंझुनूं में 95, सीकर के पलसाना में 84 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा भीलवाड़ा, जयपुर, नागौर, अजमेर, उदयपुर, भरतपुर, अलवर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा आदि जिलों में कही तेज तो कही रिमझिम बरसात हुई।

वहीं हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में लैंडस्लाइड की घटनाए रूकने का नाम नहीं ले रही हैं। 

हिमाचल प्रदेश में बाढ़ की स्थिति है तो उत्तराखंड में भी भारी बारिश के चलते कई मुख्य मार्ग बंद कर दिये गए हैं।

यूपी में वर्षा जनित हादसों में 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है तो पंजाब में एनडीआरएफ की 10 से अधिक टीमों ने मोर्चा संभाल रखा है।