उड़ता हुआ ताबूत: मिग-21 हादसे में मृतक के परिवार को 5-5 लाख का ऐलान,  आखिर कैसे बन गया मिग-21 ’फ्लाइंग कॉफिन’?

भारतीय वायुसेना के मिग-21 लड़ाकू विमान हादसे का शिकार हुई तीनों मृतक महिलाएं अलग-अलग परिवार की हैं। तीनों ही परिवारों को 5-5 लाख मुआवजा दिया जाएगा। 

Hanumangarh MiG-21 Crash

हनुमानगढ़  | राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में सोमवार को हुए  भारतीय वायुसेना के मिग-21 लड़ाकू विमान हादसे में मारे गए 3 लोगों के परिवार को 5-5 लाख मुआवजे का ऐलान किया गया है।

सोमवार सुबह हनुमानगढ़ जिले के बहलोलनगर में एक मकान पर भारतीय वायुसेना का लडाकू विमान मिग-21 क्रेश हो गया था। 

जिसके चलते दो घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए और इस हादसे में घर में मौजूद दो महिलाओं ने मौके पर और एक महिला ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

हादसे में पायलट की जान बच गई है। उसने समय रहते पैराशूट के जरिए कूद कर अपनी जान बचाई। हालांकि पायलट को भी चोटें आई हैं और अस्पताल में इलाज चल रहा है।

विमान ने सूरतगढ़ से उड़ान भरी थी। 

एसडीएम अवि गर्ग के मुताबिक, हादसे का शिकार हुई तीनों मृतक महिलाएं अलग-अलग परिवार की हैं। तीनों ही परिवारों को 5-5 लाख मुआवजा दिया जाएगा। 

राजस्थान में जनवरी में भी हुआ था विमान हादसा

आपको बता दें कि इससे पहले जनवरी में राजस्थान के भरतपुर में ट्रेनिंग के दौरान दो भारतीय वायुसेना के लड़ाकू जेट हादसे का शिकार हो गए थे।

इनमें से एक सुखोई एसयू-30 और दूसरा मिराज-2000 था। इस हादसे में एक पायलट की जान चली गई थी। 

मिग-21 को क्यों कहा जाता है ’फ्लाइंग कॉफिन’!

आपको बता दें कि मिग-21 ऐसा अकेला लडाकू विमान है जो भारत के अलावा दुनियाभर के करीब 60 देशों उड़ान भर रहा है। 

मिग-21 रूस के मिकोयान-गुरेविच कंपनी द्वारा डिजाइन किया गया है। 

भारत की कई अहम लड़ाईयों में मिग-21 का बड़ा योगदान रहा है। 1959 में बना मिग-21 अपने समय में सबसे तेज स्पीड से उड़ने वाले पहले सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों में से एक था।

लेकिन मिग-21 धीरे-धीरे ’फ्लाइंग कॉफिन’ के नाम से भी जाना जाने लगा। इसका बड़ा कारण इसके लगातार हादसे का शिकार होना रहा।
अब तक देश में मिग 21 के 490 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं।