राइजिंग राजस्थान : राजस्थान-जापान के रिश्ते मजबूत, समिट में निवेश के नए आयाम
भारत में जापान के राजदूत किची ओनो ने कहा, "राजस्थान में निवेश के लिए सरकार ने हमेशा अनुकूल माहौल दिया है।
जयपुर। राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट-2024 के पहले दिन आयोजित देश सत्र (कंट्री सेशन) में जापान और राजस्थान के प्रतिनिधियों ने 'वर्सेटिलिटी ऑफ इंडस्ट्रीज-मैन्युफैक्चरिंग एंड बियोंड' विषय पर चर्चा की। इस सत्र में उद्योगपतियों और निवेशकों ने राज्य में निवेश की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया।
सत्र के दौरान विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि राजस्थान और जापान के बीच पिछले डेढ़ दशक से घनिष्ठ संबंध रहे हैं। उन्होंने कहा कि जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जायका) और जापान ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट प्रमोशन एजेंसी (जेट्रो) ने राज्य के साथ कई उत्कृष्ट परियोजनाओं पर काम किया है। नीमराना में जापानी कंपनियों की सफलता का जिक्र करते हुए पटेल ने कहा, "यहां जापान की 48 कंपनियां सक्रिय हैं और राज्य में निवेश के बेहतर माहौल के लिए सरकार एक नया डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर बना रही है।"
जयपुर विकास प्राधिकरण की आयुक्त और जापान की ऑफिसर इंचार्ज आनंदी ने बताया कि जापानी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार ने इंडस्ट्रियल पार्क, डेडीकेटेड कोरिडोर और सभी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की है। उन्होंने रोबोटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और पेट्रोकेमिकल जैसे क्षेत्रों में जापान के सहयोग को राजस्थान के लिए लाभकारी बताया।
भारत में जापान के राजदूत किची ओनो ने कहा, "राजस्थान में निवेश के लिए सरकार ने हमेशा अनुकूल माहौल दिया है।" उन्होंने बताया कि 2014 के बाद जापानी कंपनियों ने राज्य में निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि की है। जापान का लगभग 5 प्रतिशत निवेश राजस्थान में होता है। उन्होंने सौर ऊर्जा और रोबोटिक्स के क्षेत्र में भविष्य में और अधिक निवेश की संभावनाएं जताई।
सत्र में एमपिन एनर्जी ट्रांजैक्शन प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक पिनाकी भट्टाचार्य ने मैन्युफैक्चरिंग के विविध क्षेत्रों पर अपने विचार रखे। वहीं, कैंडी सोलर के मैनेजिंग डायरेक्टर निशांत सूद ने सौर ऊर्जा को अपनाने के लिए वित्तीय विकल्पों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
इस दौरान इन्वेस्ट इंडिया की मैनेजिंग डायरेक्टर निवृति रॉय और जेट्रो के मुख्य प्रबंधक तकाशी सुजुकी ने अपने अनुभव साझा किए। सत्र का संचालन अभिनव बांठिया ने किया।
सत्र के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि जापानी कंपनियां राजस्थान में निवेश को लेकर बेहद सकारात्मक हैं। विशेषकर सौर ऊर्जा, रोबोटिक्स और पेट्रोकेमिकल्स जैसे क्षेत्रों में संभावनाओं को लेकर चर्चा हुई।