Jalore: सांचौर और अफीम तस्करी का चेहरा बदलने की कोशिश एक IPS काम्बले

Sanchore IPS Kamble’s Bold Action to Erase Opium Trafficking Image – 100+ Challans in 3 Hours

जालौर, राजस्थान। सांचौर क्षेत्र, जो लंबे समय से अफीम तस्करी के लिए बदनाम रहा है, अब नई पहचान की ओर अग्रसर है। इस बदलाव के केंद्र में हैं प्रशिक्षित आईपीएस अधिकारी गोपीनाथ कांबले, जो अपने सक्रिय और सख्त कार्यशैली के लिए पहचाने जाते हैं। सोमवार को कांबले ने सांचौर में कानून-व्यवस्था और यातायात व्यवस्था को सुधारने के उद्देश्य से एक विशेष अभियान चलाया।

इस अभियान के तहत उन्होंने स्वयं सड़क पर खड़े होकर वाहनों की जांच की। चेकिंग अभियान में मोटरसाइकिल और कारों की गहन जांच की गई। इसमें बिना हेलमेट, बिना ड्राइविंग लाइसेंस, बीमा या पंजीकरण जैसे आवश्यक दस्तावेजों की कमी जैसे कई उल्लंघन पाए गए।

सोशल मीडिया पर वायरल

इस अभियान के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। आमजन में यह संदेश गया कि प्रशासन अब पूरी तरह सतर्क है और कानून व्यवस्था में सुधार के प्रति गंभीरता दिखा रहा है। वीडियो में आईपीएस कांबले को सड़क पर लोगों से संवाद करते और ट्रैफिक नियमों के महत्व को समझाते हुए देखा जा सकता है।

3 घंटे में 100 से अधिक चालान

अभियान की विशेष बात यह रही कि महज तीन घंटे में ही 100 से अधिक चालान काटे गए। इससे जहां आम लोगों में ट्रैफिक नियमों को लेकर जागरूकता बढ़ी, वहीं राजस्व वसूली के रूप में भी सकारात्मक परिणाम सामने आए। यह मुहिम सांचौर की नकारात्मक छवि को मिटाने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।

पुलिस बल में उत्साह का संचार

इस अभियान से पुलिसकर्मियों में भी जोश और जिम्मेदारी का भाव देखने को मिला। अधिकारियों का मानना है कि ऐसे अभियान केवल आम जनता को नहीं, बल्कि बल के भीतर भी कर्तव्यनिष्ठा और अनुशासन को बढ़ावा देते हैं।

आईपीएस कांबले की यह पहल न केवल सांचौर को अफीम तस्करी की छवि से बाहर निकालने की दिशा में एक प्रयास है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि अगर प्रशासन चाहे तो कानून का पालन हर स्तर पर संभव है। उम्मीद की जा रही है कि ऐसे प्रयासों से सांचौर का सामाजिक और प्रशासनिक चेहरा सकारात्मक रूप से बदलेगा।