राजे पर संयम लोढ़ा का पलटवार: कहा- राजे जी आपने दिखाई थी अपनी तंग सोच, इसीलिए आप 2018 में निपटे
राजे के बयान पर सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने पलटवार करते हुए तंज कसा है- आपने डॉ. मन मोहन सिंह सरकार द्वारा निर्मित सेवा केंद्रों से राजीव गांधी जी का नाम हटाकर अपनी तंग सोच दिखाई थी। क्या हुआ ?
सिरोही | सिरोही के विधायक संयम लोढ़ा ने प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर निशाना साधा है।
विधायक लोढ़ा ने राजे के उस बयान को लेकर उन पर हमला बोला है जिसमें उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस के शासन में विकास तो हुआ पर राजस्थान का नहीं खुद कांग्रेस का। लोगों का नहीं, भ्रष्टाचार का।
कांग्रेस सरकार ने हमारी योजनाओं को बंद कर दिया।
दरअसल, रविवार को वसुंधरा राजे ने कोटा में शक्ति प्रदर्शन करते हुए महारैली को संबोधित किया था जिसमें राजे ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला था।
उन्होंने कहा था कि पिछले साढ़े चार साल में गहलोत जी की यह सरकार अधिकांश कागजों, बयानों, निर्देशों, आपसी झगड़ों और होटलों में ही दिखाई दी।
इन्होंने मुख्यतौर पर बस दो काम ही किए हैं या तो हमारी योजनाओं को बंद कर दिया है या फिर उनका नाम बदल दिया है।
राजे जी आपने दिखाई थी अपनी तंग सोच
राजे के इसी बयान पर सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने पलटवार करते हुए तंज कसा है- आपने डॉ. मन मोहन सिंह सरकार द्वारा निर्मित सेवा केंद्रों से राजीव गांधी जी का नाम हटाकर अपनी तंग सोच दिखाई थी। क्या हुआ ?
इसी सोच के कारण आप 2018 में निपटे
आपके तुगलकी फरमान के खिलाफ मैं 3 साल राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर में लड़ा, आपका फैसला निरस्त हुआ।
सेवा केंद्र फिर से राजीव गांधी सेवा केंद्र बने। इस तरह की सोच के कारण आप 2018 में निपटे और अब फिर राजस्थान की जनता देख रही हैं कि चुनाव आए है तो आपको फिर उनकी याद आने लगी हैं ....
आपको बता दें कि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सोमवार को पालनहार संवाद कार्यक्रम के दौरान पूर्व सीएम राजे को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि राजे ने पालनहार योजना तो चलाई लेकिन चलाकर भूल गई।
लेकिन मैं ऐसा नहीं करता। मैं अच्छी चीजों को पकड़ लेता हूं और उसे आगे बढ़ाता हूं।
भाजपा की तरह योजनाओं को बंद नहीं करता।
वसुंधरा राजे तो सरकार बदलते ही हमारी स्कीम्स को बंद कर देती हैं, जो नहीं करनी चाहिए।
हमारी स्कीम्स चाहे मेट्रो, चाहे रिफाइनरी और बद्रीनाथ-केदारनाथ हादसे में मृतकों के परिजनों को नौकरी का फैसला था, लेकिन राजे ने सबको बंद कर दिया।