मथुरा में जश्न: हाईकोर्ट ने खारिज की मुस्लिम पक्ष की अर्जी, नए सिरे से सुनवाई का आदेश
मथुरा कोर्ट में श्रीकृष्ण विराजमान की तरफ से दाखिल वाद को खारिज करने की मांग को लेकर शाही ईदगाह पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
लखनऊ | मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और ईदगाह विवाद को लेकर सोमवार को हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है।
इस मामले को लेकर हाईकोर्ट ने सिविल कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए नए सिरे से सुनवाई का आदेश दिया है।
इलाहबाद हाईकोर्ट इस फैसले के बाद श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस के मुख्य वादी दिनेश शर्मा ने मिठाई खिलाकर सबका मुंह मीठा करवाया है।
मथुरा कोर्ट में श्रीकृष्ण विराजमान की तरफ से दाखिल वाद को खारिज करने की मांग को लेकर शाही ईदगाह पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
इसके बाद मुस्लिम पक्ष के द्वारा जिला जज द्वारा केस की सुनवाई से संबंधित दिए गए निर्णय को होईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।
बता दें कि मथुरा जिला कोर्ट के इस आदेश को ईदगाह ट्रस्ट कमेटी और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब मुस्लिम पक्ष की याचिकाओं को खारिज करते हुए मामले को फिर से सुनवाई के लिए मथुरा के जिला जज के पास भेज दिया है।
ऐसे में अब पक्षकारों को मथुरा के जिला जज में नए सिरे से अपनी दलीलें पेश करनी होगी।
याचिका के मामले में कोर्ट ने कहा इस मामले में पहले ही फैसला आ चुका है। ऐसे में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड व अन्य की याचिका पर दिया है।
कोर्ट ने याचिका में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है।
क्या है मामला ?
श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है, जबकि शाही ईदगाह मस्जिद के पास 2.5 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है।
अब हिंदू पक्ष शाही ईदगाह मस्जिद की भूमि पर भी अपना दावा कर रहा है।
श्रीकृष्ण विराजमान ने सिविल कोर्ट के सिविल सूट खारिज करने के फैसले के खिलाफ जिला जज के पास पुनरीक्षण आवेदन दायर किया।