आर्टिशिफियल इंटेलीजेंस: दिल्ली एम्स जाएगा क्यू मैनेजमेंट सिस्टम अधिकारियों का दल
अस्पतालों में रोगियों को मिलेगी कतारों से मुक्ति |
जयपुर। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को नवाचारों एवं आर्टिशिफियल इंटेलीजेंस (AI) आधारित तकनीकों से और सुदृढ़ एवं पेशेंट फ्रेंडली (patient friendly) बनाया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा विभाग की मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने इस संबंध में एम्स (AIIMS) के निदेशक को पत्र लिखा है।
इसके लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों का एक दल चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे आधुनिकतम कार्यों, नवाचारों एवं तकनीकों का अध्ययन करने हेतु नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) जाएगा।
सिंह ने बताया कि प्रदेश में विभिन्न नवाचारों के माध्यम से चिकित्सा सेवाओं का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है, ताकि रोगियों को चिकित्सा संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध हो तथा परिजनों को भी किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
शुभ्रा सिंह ने कहा हमारा प्रयास है चिकित्सा संस्थानों में पंजीयन, परामर्श, जांच एवं दवा प्राप्त करने के लिए रोगियों एवं परिजनों को कतारों में खड़ा होकर इंतजार नहीं करना पड़े। इसके लिए एआई (AI) एवं आईटी (IT) आधारित क्यू मैनेजमेंट सिस्टम (queue management system) विकसित किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने बताया कि दिल्ली एम्स (AIIMS) आधुनिकतम चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक अग्रणी चिकित्सा संस्थान है। वहां मरीजों एवं परिजनों की सुविधा के लिए क्यू मैनेजमेंट सिस्टम (queue management system) विकसित किया गया है।
प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में भी यह सुविधा विकसित करने की दृष्टि से चिकित्सा शिक्षा विभाग से अधिकारियों का एक दल 6 एवं 7 जून को दो दिवसीय दौरे पर दिल्ली एम्स (AIIMS) जाएगा। यह दल एम्स (AIIMS) में चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए किए गए नवाचारों का अध्ययन कर उन्हें प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में लागू करने का एक्शन प्लान तैयार करेगा।
अधिकारियों के दल में निदेशक अस्पताल प्रशासन, राजमेस संजू शर्मा, उप निदेशक राजमेस डॉ. वंदना शर्मा, एसएमएस हॉस्पिटल के उप अधीक्षक एवं सहायक नोडल अधिकारी आईटी (IT) डॉ. अनिल दुबे, अधीक्षक डॉ. प्रदीप शर्मा एवं एसीपी (ACP) -आईटी (IT) अशोक कुमावत शामिल हैं।
यह दल एम्स (AIIMS) के क्यू मैनेजमेंट सिस्टम एवं अन्य नवाचारों का अध्ययन कर वस्तुस्थिति से मुख्य सचिव एवं चिकित्सा शिक्षा आयुक्त को अवगत कराएगा। इसके बाद एक्शन प्लान तैयार कर प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में क्यू मैनेजमेंट सिस्टम (queue management system) एवं अन्य नवाचारों को लागू किया जाएगा।