ज्ञानवापी पर बढ़ा तनाव: सीएम योगी बोले- ज्ञानवापी में त्रिशूल का क्या काम, ओवैसी का आया जवाब- उनका बस चले तो बुलडोजर चला दे
सीएम योगी का कहना है कि मुस्लिम पक्ष की ओर से गलती हुई है और उन्होंने सुझाव दिया कि साइट के संबंध में एक प्रस्ताव मुस्लिम समुदाय की ओर से आना चाहिए। यह बयान असदुद्दीन ओवैसी, सपा सांसद शफीकुर रहमान बर्क सहित कई मुस्लिमों को पसंद नहीं आया।
वाराणसी | Gyanvapi Mosque: वाराणसी में ज्ञानवापी को लेकर एक बार फिर से माहौल गरमाता दिखाई दे रहा है।
सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के बयान के बाद मुस्लिम पक्ष की ओर से भी बयानबाजी शुरू होती दिख रही है।
ASI सर्वे (ASI Survey) को लेकर सीएम योगी ने सोमवार को कहा कि ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो उस पर विवाद होगा।
सीएम योगी ने न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में कहा कि मुस्लिम पक्ष की ओर से गलती हुई है और उन्होंने सुझाव दिया कि साइट के संबंध में एक प्रस्ताव मुस्लिम समुदाय की ओर से आना चाहिए।
यह बयान असदुद्दीन ओवैसी, सपा सांसद शफीकुर रहमान बर्क सहित कई मुस्लिमों को पसंद नहीं आया।
असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी पर सीएम योगी के बयान को लेकर कहा कि, योगी ने विवादित बयान दिया है, यह संविधान के खिलाफ है।
वो मुसलमानों पर दबाव डाल रहे हैं। वो साप्रांदायिकता फैला रहे हैं। उनका बस चले तो बुलडोजर चला देंगें।
ओवैसी ने ये भी कहा कि प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट सभी को मानना होगा। यूपी के मुख्यमंत्री कानून को नकार नहीं सकते हैं।
वहीं दूसरी ओर, मुस्लिम समुदाय के मुखर वकील शफीकुर रहमान बर्क ने सीएम योगी आदित्यनाथ के बयानों का खंडन करते हुए मुसलमानों की ओर से किसी भी गलती के आरोपों को नकार दिया है।
उन्होंने पूरे दावे के साथ कहा कि मुसलमानों के पास ज्ञानवापी का वैध कानूनी अधिकार है और उन्होंने कहा कि इस स्थल की जबरन मंदिर के रूप में पहचान बनाई जा रही है।
सीएम योगी आदित्यनाथ का ये भी दावा है कि ज्ञानवापी के अंदर हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं, जो किसी हिंदू ने तो वहां जाकर रखी नहीं थी।
इसके अलावा, उन्होंने मस्जिद के भीतर त्रिशूल की मौजूदगी का उल्लेख करते हुए सवाल उठाया कि इस्लामी पूजा स्थल में हिंदूओं का धार्मिक प्रतीक त्रिशूल क्यों पाया जाएगा।
उन्होंने ये भी कहा था कि ज्ञानवापी में ज्योतिर्लिंग भी है और देवी-देवताओं की मूर्तियां भी।
सीएम योगी इन दावों के जवाब में, शफीकुर रहमान बर्क ने ज्ञानवापी के अंदर त्रिशूल की मौजूदगी होने से इनकार किया है।
बर्क का कहना है कि मुस्लिमों से कोई भी गलत काम नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि देश में कानून मौजूद है और सभी को अपना-अपना धर्म मानने की स्वतंत्रता है।
बता दें कि ज्ञानवापी विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे पर रोक लगा रखी है। अब इस मामले में कोर्ट 3 अगस्त को फैसला सुनाएगा।