1993 में सीरियल ब्लास्ट का मास्टरमाइंड: आतंकी टुंडा की तबीयत बिगड़ी, भारी सुरक्षा में जेल से अस्पताल और फिर...
आतंकी अब्दुल करीम टुंडा को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। मंगलवार को टुंडा की तबीयत खराब होने के बाद उसे कड़ी सुरक्षा के बीच सेंट्रल जेल से जेएलएन अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग में ले जाया गया।
जयपुर | कई बम धमाकों में आरोपी आतंकी सैयद अब्दुल करीम टुंडा (Syed Abdul Karim Tunda) को लेकर बड़ी खबर सामने आई है।
मंगलवार को टुंडा की तबीयत खराब होने के बाद उसे कड़ी सुरक्षा के बीच सेंट्रल जेल से जेएलएन अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग में ले जाया गया।
बता दें कि अब्दुल करीम टुंडा 1993 में ट्रेनों में सीरियल बम ब्लास्ट का मास्टरमाइंड है।
हॉस्पिटल में इलाज करवाने के दौरान कोतवाली और सिविल लाइन थाना पुलिस का जाब्ता भी तैनात रहा।
टुंडा की तबीयत खराब होने को लेकर जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने कहा कि काफी वक्त से टुंडा बीमार चल रहा है।
पिछले एक महीने से वह जेल के अस्पताल में भर्ती था। उसे हर्निया और किडनी फंक्शन के चलते परेशानी से जूझना पड़ रहा है।
लेकिन मंगलवार को उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई जिसके बाद इलाज के लिए जेएलएन अस्पताल ले जाया गया।
वहां चिकित्सकों से उपचार मिलने के बाद उसे फिर से जेल में शिफ्ट कर दिया गया है।
खूंखार आतंकी है टुंडा
जयपुर की सेंट्रल जेल में बंद अब्दुल करीम उर्फ टुंडा बेहद खूंखार आतंकी है।
टुंडा पर 40 बम धमाके कराने का आरोप है। 80 के दशक में टुंडा ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से ट्रेनिंग ली थी और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा।
टुंडा 6 दिसंबर 1993 को ट्रेनों में बम धमाकों का मास्टरमाइंड है। इस दौरान उसने पांच बड़े शहरों में ट्रेनों में बम ब्लास्ट किए थे।
टुंडा पर 33 आपराधिक केस दर्ज हैं। बंदुक में विस्फोट होने से उसने अपना एक हाथ खो दिया जिसके बाद से उसका नाम टुंडा पड़ गया।