बदली जाएगी शब्दावली: कानून की डिक्शनरी से हटेंगे रखैल, अफेयर, छेड़छाड़, नाजायज जैसे शब्द, इनकी जगह इनका होगा इस्तेमाल

कानून की डिक्शनरी में महिलाओं के लिए उपयोग में लिए जाने वाले छेड़छाड़, रखैल, वेश्या, नाजायज, अफेयर और हाउस वाइफ जैसे कई शब्दों को बाहर किया जाएगा। अब इन शब्दों की जगह यौन उत्पीड़न, यौनकर्मी और गृह स्वामिनी आदि जैसे शब्दों को शामिल किया जाएगा। 

supreme court of india

नई दिल्ली | देश में महिला-लड़कियों के साथ बढ़ रहे अपराधों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी पहल की है। 

जिसके तहत कानून की डिक्शनरी में महिलाओं के लिए उपयोग में लिए जाने वाले छेड़छाड़, रखैल, वेश्या, नाजायज, अफेयर और हाउस वाइफ जैसे कई शब्दों को बाहर किया जाएगा। 

अब इन शब्दों की जगह यौन उत्पीड़न, यौनकर्मी और गृह स्वामिनी आदि जैसे शब्दों को शामिल किया जाएगा। 

इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक पुस्तिका का बुधवार को विमोचन किया है जिसमें अनुचित लैंगिक शब्दों की शब्दावली है और इनकी जगह वैकल्पिक शब्दों को सुझाया गया है। जिन्हें जल्द ही कानून की डिक्शनरी में उपयोग किया जा सकता है।

सीजेआई ने पुस्तिका के विमोचन के दौरान कहा कि, ‘हैंडबुक ऑन कॉम्बैटिंग जेंडर स्टीरियोटाइप्स’ (लैंगिक रूढ़िवादिता से निपटने संबंधी पुस्तिका) का उद्देश्य न्यायाधीशों और कानूनी समुदाय के सदस्यों को महिलाओं के बारे में हानिकारक रूढ़िवादी सोच को पहचानने, समझने और उसका प्रतिकार करने के लिए सशक्त बनाना है। 

संकलन महिलाओं के बारे में आम रूढ़िवादी सोच की पहचान करता है और इन रूढ़िवादी अशुद्धियों को प्रदर्शित करता है और दर्शाता है कि वे कानून के अनुप्रयोग को कैसे प्रभावित कर सकते हैं।

छेड़छाड़ शब्द को अब सड़क पर यौन उत्पीड़न कहा जाएगा। इसी के साथ समलैंगिक शब्द के बजाय, व्यक्ति के यौन रुझान का सटीक वर्णन करने वाले शब्द का उपयोग होना चाहिए।

इस पुस्तक में कहा गया है कि ’मायाविनी’, ’वेश्या’ या ’बदचलन औरत’ जैसे शब्दों का उपयोग करने के बजाय ’महिला’ शब्द का उपयोग किया जाना चाहिए। 

इसमें देह व्यापार और वेश्या जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर भी रोक लगाई गई है और इसके स्थान पर यौन कर्मी शब्द का उपयोग किए जाने की बात कही है।

पुस्तिका में कहा गया है कि “सहवासिनी या रखैल” जैसे शब्दों का उपयोग करने के बजाय, वह महिला जिसके साथ किसी पुरुष ने शादी के बाहर प्रेम संबंध या यौन संबंध बनाए हैं, अभिव्यक्ति का उपयोग किया जाना चाहिए। 

गृहिणी की जगह अब गृह स्वामिनी
इस पुस्तक में कहा गया है कि गृहिणी शब्द की जगह अब गृह स्वामिनी शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा। 

पुस्तक में ’नाजायज’ शब्द को भी बदलने की बात कही गई है। अब ’नाजायज’ के बजाय गैर-वैवाहिक संबंधों से पैदा हुआ बच्चा, या फिर ऐसा बच्चा जिसके माता-पिता विवाहित नहीं थे, का उपयोग किया जाएगा।