Rajasthan: आपदा में अवकाश पर गए चिकित्सकों पर कार्रवाई संभव

आपदा में अवकाश पर गए चिकित्सकों पर कार्रवाई संभव
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Highlights

  • आदेशों की अवहेलना करने वाले कार्मिकों पर लीगल एक्शन की तैयारी
  • सिरोही दौरे पर आए प्रभारी सचिव के ध्यान में आया मामला

•⁠  ⁠आपदा में अवकाश पर गए चिकित्सकों पर कार्रवाई संभव

सिरोही. सिरोही दौरे पर आए प्रभारी सचिव इंद्रजीतसिंह ने यहां पत्रकारों से बातचीत में बताया कि सरकार के जितने भी आदेश होते हैं वे किसी न किसी परिपेक्ष्य में होते हैं। इनकी अवहेलना करने वालों पर जो भी विधिवत कार्रवाई करनी होगी उसे किया जाएगा। वे जिला अस्पताल में आपदा के दौरान अवकाश रद्द होने पर मेडिकल लीव लेकर गए चिकित्सकों पर की जाने वाली कार्रवाई को लेकर बता रहे थे। प्रभारी सचिव से पूछा गया कि आपदा के दौरान जब कार्मिकों के अवकाश रद्द किए गए तो जिला अस्पताल के तीन चिकित्सक मेडिकल लीव लेकर चले गए। इन पर क्या कार्रवाई की गई। इस पर प्रभारी सचिव का कहना रहा कि इस सम्बंध में वे जिला कलक्टर से भी बात करेंगे।

चिकित्सकों के नदारद रहने का मामला
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों भारत-पाक के बीच तनाव को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने सभी कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगा दी थी। साथ ही अलर्ट मोड में रहने के आदेश जारी किए, लेकिन जिला अस्पताल में लम्बे समय से अनुपस्थित चल रहे छह चिकित्सक काम पर नहीं लौटे। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने उस समय भी यही कहा था कि इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए विभाग को रिपोर्ट भेजी गई है।

एक्शन क्या हुआ, कोई जानकारी नहीं
आपदा के दौरान अवकाश रद्द किए गए तो जिला अस्पताल के तीन चिकित्सक अलग-अलग समयावधि के लिए मेडिकल लीव पर जाना बताया गया। इस बारे में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने यह भी बताया था कि इन चिकित्सकों के मेडिकल लीव की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड गठित करने के आदेश दिए गए है, लेकिन इनके विरुद्ध क्या एक्शन हुआ कोई जानकारी नहीं है।

अवकाश रद्द किया तो मेडिकल लीव डाली
पीएमओ डॉ.वीरेंद्र महात्मा से मिली जानकारी के अनुसार डॉ. धनराज चौधरी 2 मई से 15 दिन के मेडिकल अवकाश पर  जाना बताया गया। वहीं, डॉ. प्रदीप चौहान व डॉ. उषा चौहान अवकाश पर चल रहे थे, लेकिन आपातकालीन स्थिति में अवकाश रद्द किए गए तो 6 मई को 22 दिन की मेडिकल लीव डालकर अवकाश पर जाने की बात कही गई।

राज्यमंत्री के निर्देश भी मानों हवा हो गए
आपातकालीन स्थिति के तत्काल बाद ही पंचायतराज राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने जिलास्तरीय अधिकारियों की बैठक ली थी, उसमें भी यह मुद्दा उभर कर सामने आया था। राज्यमंत्री ने इस सम्बंध में कार्रवाई के लिए जिला कलक्टर को निर्देशित किया था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।

लीपापोती करने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए
वैसे बताया जा रहा है कि तीन में से दो चिकित्सक मेडिकल लीव लेकर विदेश ट्यूर पर गए थे। यदि यह सही है तो मेडिकल बोर्ड गठित कर जांच का हवाला देते हुए लीपापोती करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए।

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