Highlights
- श्रद्धालुओं की भावनाओं का ज्वार, रथ खींचते हुए छलक पड़े आंसू
- पूर्व विधायक संयम लोढ़ा और भाजपा नगर अध्यक्ष ने पूजा-अर्चना कर की रथयात्रा की विधिवत शुरुआत
शिवगंज। भगवान जगन्नाथ की दिव्य रथयात्रा का शिवगंज में पहली बार ऐतिहासिक आयोजन हुआ, जिसने श्रद्धा और आस्था का अद्वितीय संगम प्रस्तुत किया। श्री राधा श्याम सुंदर संस्थान के तत्वावधान में निकाली गई इस भव्य रथयात्रा में जनसैलाब ऐसा उमड़ा कि यात्रा मार्ग पर तिल धरने की भी जगह नहीं रही। हर कोई अपने आराध्य के रथ को खींचने को आतुर दिखाई दिया।
रथ में विराजमान भगवान जगन्नाथ के दर्शन करते ही कई भक्तों की आंखों से अश्रुधारा बह निकली। किसी ने रथ मार्ग पर झाड़ू लगाकर अपनी श्रद्धा प्रकट की, तो कई श्रद्धालु भगवान के रथ को स्पर्श कर स्वयं को धन्य मानते रहे। रथ खींचते हुए भक्तगण “जय जगन्नाथ” के गगनभेदी नारों से वातावरण को भक्तिमय बना रहे थे।
पूजा-अर्चना से हुई यात्रा की शुभ शुरुआत
रथयात्रा का शुभारंभ दोपहर पौने चार बजे गोशाला वाटिका से हुआ। इससे पूर्व पुणे से पधारे रूक्मिणी चरण प्रभुजी, मुंबई से सुधांशुदास, लोकाध्यक्ष दास, पालनपुर से कृष्ण मेघादास तथा शिवगंज के यदुनंदन दास प्रभुजी की उपस्थिति में पूर्व विधायक संयम लोढ़ा एवं भाजपा नगर अध्यक्ष ताराचंद कुमावत ने विधिवत पूजा-अर्चना कर रथमार्ग पर झाड़ू लगाई और यात्रा को विधिवत प्रारंभ किया।
रथ मार्ग बना श्रद्धा का पथ
रथयात्रा गोशाला वाटिका से प्रारंभ होकर महाराजा अग्रसेन मार्ग, कुबेर मार्केट चौराहा, कलापुरा, छीपावास, होली चौक, अंबिका चौक, नेहरू नगर, शीतला माता चौक, आखरिया, गोकुलवाड़ी होते हुए पुनः गोशाला वाटिका पहुंची। चार घंटे से अधिक समय तक चली यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर था।
पुष्पवर्षा और जलपान सेवा से हुआ स्वागत
पूरे यात्रा मार्ग में रथयात्रा का स्वागत पुष्पवर्षा से किया गया। महादेव महिला मंडल, सनातन धर्म महिला सेवा समिति, श्री गजानंद जी सनातन धर्म मंदिर सेवा समिति, सेवा परमो धर्म संस्थान, कपड़ा व्यापार संघ सहित कई संगठनों ने न केवल पुष्पवर्षा की बल्कि जलपान सेवाएं भी उपलब्ध कराईं, जिससे श्रद्धालुओं को राहत मिली।
महाप्रसादी के साथ संपन्न हुआ रथयात्रा महोत्सव
रथयात्रा के गोशाला वाटिका में समापन के साथ ही महाप्रसादी का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। तीन दिवसीय रथयात्रा महोत्सव के इस अंतिम दिन शिवगंज के साथ-साथ सुमेरपुर और अन्य दूरदराज़ के क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं की भागीदारी ने आयोजन को भव्यता प्रदान की।
प्रशासन रहा सतर्क, व्यवस्था रही चाक-चौबंद
भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए थे। यातायात और कानून-व्यवस्था को संभालने में प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह सक्रिय रहा।