एक लाख का था इनाम: भंवरी देवी प्रकरण के मुख्य आरोपी को पुलिस ने धर दबोचा, फिल्मी स्टाइल में चली गाड़ियां, दोनों पैर टूटे
एक लाख रुपए के इनामी विशनाराम को पकड़ने के लिए पुलिस ने शनिवार देर रात कार्रवाई करते हुए उसे दयाकोर क्षेत्र में धर दबोचा। पुलिस की घेराबंदी के चलते उसने अपनी एसयूवी से उतरकर भागने का प्रयास किया लेकिन तारबंदी व पत्थर के खूंटों में उलझकर गिर पड़ा।
जोधपुर | राजस्थान के सबसे चर्चित मामलों में से एक भंवरी देवी प्रकरण में मुख्य आरोपी विशनाराम जांगू (Vishnaram Jangu) को पुलिस ने धर दबोचा है।
विशनाराम पिछले 2 सालों से पुलिस को चकमा देकर फरार चल रहा था। पुलिस ने उस पर 1 लाख रुपए का नाम घोषित किया हुआ था।
विशनाराम को पकड़ने के लिए जोधपुर ग्रामीण पुलिस और फलौदी जिला पुलिस की टीम ने उसे फिल्मी अंदाज में कार्रवाई करते हुए पकड़ा है।
फिल्मी स्टाइल में धरा गया
फिल्मों की तरह ही पुलिस से बचने के लिए आरोपी विशनाराम ने अपनी गाड़ी से पुलिस के वाहनों को टक्कर मारी, जिससे पुलिस का एक कांस्टेबल चोटिल भी हो गया है।
इसके जवाब में पुलिस ने भी आरोपी के वाहन को टक्कर मारी। जब जाकर वह काबू में आया।
एक लाख रुपए के इनामी विशनाराम को पकड़ने के लिए पुलिस ने शनिवार देर रात कार्रवाई करते हुए उसे दयाकोर क्षेत्र में धर दबोचा।
जोधपुर ग्रामीण पुलिस के इनपुट पर फलौदी जिला पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए विश्नाराम को घेर लिया।
पुलिस की घेराबंदी के चलते उसने अपनी एसयूवी से उतरकर भागने का प्रयास किया लेकिन तारबंदी व पत्थर के खूंटों में उलझकर गिर पड़ा।
कटीले तारों में उलझने से उसके दोनों पांवों में फ्रैक्चर हो गए। जिसके बाद पुलिस ने उसे लोहावट के स्थानीय अस्पताल में इलाज करवाने के बाद देर रात जोधपुर के एमडीएम अस्पताल रेफर कर दिया।
जमानत पर छूटने के बाद फरार हो गया था
भंवरी देवी प्रकरण में मुख्य आरोपी विशनाराम इस मामले में जमानत पर छूटने के बाद 2 साल से फरार चल रहा था।
पुलिस ने उस पर एक लाख रुपये का इनाम रखा हुआ था। विशनाराम पर कई मामले दर्ज हैं।
आरोपी पुलिस पर हमले के अलावा एनडीपीएस के मामले में भी वांछित था।
फलोदी एसपी विनीत बंसल के अनुसार, जालोड़ा निवासी विशनाराम जांगू पर अब तक कुल 68 मामले दर्ज हैं। आरोपी जोधपुर के टॉप 10 अपराधियों की सूची में सम्मिलित था।
पूर्व में भी पुलिस ने इसे पकड़ने की कोशिश की थी तब उस पर पुलिस पर जानलेवा हमला करने और राजकार्य में बाधा डालने का मामला भी दर्ज किया गया था।
10 अगस्त को एडीजी दिनेश एनएम ने उस पर एक लाख का इनाम घोषित किया था।