राजस्थान को बनाना है नंबर वन: चुनाव घोषणा के बाद सीएम अशोक गहलोत का पहला बयान- अपने कार्यकाल में सारे काम दिल से किए, इसलिए...
सीएम गहलोत ने प्रदेशवासियों के नाम एक संदेश जारी करते हुए कहा कि आपके आर्शीवाद से हमें 5 वर्ष जनसेवा का मौका मिला। आपके सहयोग से अपने कार्यकाल में हमने सारे काम दिल से किए हैं।
जयपुर | राजस्थान विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है। यहां 23 नवंबर को मतदान होगा और 3 दिसंबर को परिणामों की घोषणा होगी।
चुनाव की तारीख की घोषणा होते ही प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहली प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है।
सीएम गहलोत ने प्रदेशवासियों के नाम एक संदेश जारी करते हुए कहा कि आज चुनाव की घोषणा हो चुकी है।
आपके आर्शीवाद से हमें 5 वर्ष जनसेवा का मौका मिला। आपके सहयोग से अपने कार्यकाल में हमने सारे काम दिल से किए हैं।
बचत, राहत, बढ़त की ऐतिहासिक जनहितैषी योजनाओं को लागू कर हर ढाणी तक मुस्कान बिखेरने की पूरे मन से कोशिश की है।
जिससे राजस्थान चार गुना रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। अब हमारा उद्देश्य मिशन राजस्थान 2030 के तहत नंबर 1 राजस्थान के संकल्प को साकार करना है।
अतः हमारा निवेदन है कि हम सभी पूरे मन से राजस्थान को अव्वल बनाने में जुट जाएं।
मुख्यमंत्री गहलोत लगातार राजस्थान को एक विकसित राज्य के रूप में बनाने के लिए मिशन 2023 में के लिए जुटे हुए हैं इसके लिए पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक विजन डॉक्यूमेंट भी जारी किया था साथी इस मिशन के लिए लाखों लोगों से सुझाव लिए गए हैं ताकि राजस्थान को देश में नंबर वन बनाया जा सके।
गौरतलब है कि राजस्थान में हर 5 साल पर सरकार बदलने का रिवाज रहा है। कांग्रेस से पहले यहां बीजेपी की सरकार रह चुकी है।
ऐसे में इस बार सीएम गहलोत बार-बार कांग्रेस सरकार रिपीट होने का दावा करते रहे हैं, लेकिन पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान में भाजपा और और कांग्रेस में कड़ी टक्कर होना बताया है।
अब राजस्थान कांग्रेस ने भाजपा की कमर तोड़ने के लिए बड़ा सियासी गेम खेला है।
कांग्रेस ईस्टर्न कैनल परियोजना (ईआरसीपी) को सियासी मुद्दा बनाने की जुगत में है।
इसके लिए कांग्रेस आगामी 16 अक्टूबर से प्रदेश में बड़ा कैंपेन चलाने जा रही है।
पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में इस मुद्दे पर कांग्रेस ने भाजपा को घेरने की तैयारी कर ली है।
ईआरसीपी को लेकर 13 जिलों में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
इनमें धरने-प्रदर्शन, जन जागरण अभियान, नुक्कड़ सभाएं, जनसभाएं और डोर टू डोर कैंपेन को भी शामिल किया जाएगा।