फिर सामने आया घूसकांड : जयपुर ACB ने पार्षद, थानेदार और कांस्टेबल को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया
एसीबी को शिकायत मिली थी कि इन तीनों ने पीड़ित से एक लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी। जिसके बाद शिकायत का सत्यापन कर एसीबी टीम ने जाल बिछाकर रिश्वतखोर को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
जयपुर | राजस्थान में विधानसभा चुनाव के घमासान के बीच एसीबी ने एक बार फिर से बड़ी कार्रवाई करते हुए पार्षद, थानेदार और कांस्टेबल जैसे पदों पर आसीन भ्रष्टाचारियों को गिरफ्तार किया है।
जयपुर ACB टीम ने कार्रवाई करते हुए नगर निगम ग्रेटर के पार्षद, प्रवर्तन निरीक्षक (थानेदार) और पुलिस कांस्टेबल को 80 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए धर दबोचा है।
एसीबी ने ये कार्रवाई पीड़ित की शिकायत के बार शनिवार को की।
एसीबी को शिकायत मिली थी कि इन तीनों ने पीड़ित से एक लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी।
जिसके बाद शिकायत का सत्यापन कर एसीबी टीम ने जाल बिछाकर रिश्वतखोर को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
एसीबी के डीआईजी के अनुसार, जयपुर नगर तृतीय इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन कराया गया।
एसीबी ने पहले पुलिस कांस्टेबल को 80 हजार रुपए की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
उसकी निशानदेही पर सब इंस्पेक्टर और पार्षद को गिरफ्तार किया गया।
देर रात तीनों के ठिकानों पर सर्च अभियान
एसीबी ने तीनों को गिरफ्तार कर देर रात उनके घर और अन्य ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया।
अब एसीबी ने रविवार को तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया और आगे की कार्रवाई की ओर अग्रसर हुई।
एसीबी जांच में सामने आया है कि वार्ड पार्षद उमेश कई सालों से इलाके में घर-दुकान बनाने वालों को निगम का भय दिखाकर उनसे पैसा ऐठा करता था।
जिसमें निगम में लगे प्रवर्तन शाखा के पुलिसकर्मियों का भी हिस्सा होता था।
मकान के निर्माण की एवज में मांगी थी रिश्वत
एसीबी के कार्यवाहक महानिदेशक हेमंत प्रियदर्शी के अनुसार, राजधानी जयपुर के शास्त्री नगर निवासी परिवादी ने रिपोर्ट दी कि शास्त्री नगर में वह अपने मकान का निर्माण करा रहे हैं।
ऐसे में निर्माण कार्य को चलाने की एवज में पुलिस कांस्टेबल भवानी सिंह ने 1 लाख रुपए रिश्वत की मांग की।
इसमें थानेदार अनिल सिंह और वार्ड नंबर 33 के पार्षद उमेश शर्मा भी शामिल थे।