राजस्थान उच्च न्यायालय की प्लेटिनम जुबली: न्याय व्यवस्था में तकनीकी नवाचारों का उद्घाटन

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय का स्वर्णिम इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान नागरिक अधिकारों का हनन हो रहा था, तब इस न्यायालय ने न्याय के सिद्धांतों की रक्षा की और सुनिश्चित किया कि व्यक्ति अपनी गिरफ्तारी और हिरासत को चुनौती दे सके।

Narendra Modi at jodhpur high court inaugurate technical innovations

जोधपुर, 25 अगस्त 2024: राजस्थान उच्च न्यायालय की प्लेटिनम जुबली का समापन समारोह जोधपुर में बड़े धूमधाम से मनाया गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।

इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय एकता और भारतीय न्याय व्यवस्था की मूल भावना पर जोर देते हुए, सभी के लिए सरल, सुलभ, और सुगम न्याय की गारंटी को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। प्रधानमंत्री ने न्याय व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आईटी प्लेटफॉर्म 'त्वरित' का शुभारंभ किया और राजस्थान उच्च न्यायालय संग्रहालय का उद्घाटन किया।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय एकता भारत की न्याय प्रणाली की आधारशिला है, और इसे मजबूत करने से देश की न्याय व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जा सकता है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि न्याय सरल और स्पष्ट है, लेकिन कई बार प्रक्रियाएं इसे जटिल बना देती हैं। उन्होंने सभी संबंधित पक्षों से न्याय को यथासंभव सरल और सुस्पष्ट बनाने के लिए सामूहिक प्रयास करने की अपील की।

प्रधानमंत्री ने ऐतिहासिक रूप से अप्रासंगिक औपनिवेशिक कानूनों को निरस्त करने के प्रयासों की सराहना की, और भारतीय न्याय संहिता को अपनाने की बात कही। उन्होंने विश्वास जताया कि यह संहिता मानवीय चिंतन को आगे बढ़ाएगी और इसकी मूल भावना को प्रभावी बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है।

न्याय व्यवस्था में तकनीकी नवाचार: ‘त्वरित’ प्लेटफॉर्म और ई-कोर्ट परियोजना

प्रधानमंत्री ने न्यायिक प्रणाली में तकनीकी नवाचारों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए बताया कि ‘ई-कोर्ट’ परियोजना के माध्यम से देश में 18,000 से अधिक अदालतों का कम्प्यूटरीकरण किया जा चुका है।

26 करोड़ से अधिक अदालती मामलों की जानकारी को राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के माध्यम से ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया है। साथ ही, 3000 से अधिक न्यायालय परिसरों और 1200 से अधिक जेलों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं से जोड़ा गया है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि इन प्रौद्योगिकी आधारित उपायों से न्यायिक व्यवस्था में अधिक पारदर्शिता और दक्षता आ रही है, जिससे लोगों को त्वरित न्याय मिल सकेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस दिशा में राजस्थान द्वारा किए जा रहे कार्य भी अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में ‘वैकल्पिक विवाद समाधान’ तंत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है, जो ईज ऑफ़ लिविंग के साथ-साथ ईज ऑफ़ जस्टिस को भी बढ़ावा देगी। उन्होंने न्यायपालिका से सहयोग की अपेक्षा की कि इस तंत्र को और मजबूत किया जाए।

राजस्थान उच्च न्यायालय की न्याय निष्ठा और समृद्धि का स्मरण

इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय का स्वर्णिम इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान नागरिक अधिकारों का हनन हो रहा था, तब इस न्यायालय ने न्याय के सिद्धांतों की रक्षा की और सुनिश्चित किया कि व्यक्ति अपनी गिरफ्तारी और हिरासत को चुनौती दे सके। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री की प्रेरणा से प्रदेश में राजस्व मामलों में डिजिटलाइजेशन और पेपरलेस प्रक्रिया के नवाचार की सराहना की।

अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति

समारोह में केन्द्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि आधुनिक गणराज्य के रूप में भारत की नींव हमारा गौरवशाली संविधान है, जिसकी आधारशिला ही न्याय है।

इस अवसर पर राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, मंत्रिमंडल के सदस्यों सहित वरिष्ठ न्यायाधीश, वरिष्ठ अधिवक्ता, विधि छात्र एवं गणमान्य उपस्थित रहे।