अपनी फौज के साथ आए नजर: अशोक गहलोत गए कर्नाटक तो सचिन पायलट पहुंचे दिल्ली
सीएम गहलोत कर्नाटक के लिए उड़ान भर रहे हैं वहीं उनके खिलाफ बगावती तेवर दिखा रहे सचिन पायलट दिल्ली पहुंच गए हैं। पायलट के अचानक से दिल्ली का रूख करने से राजनीतिक महकमें में सियासी हलचल तेज हो गई है।
जयपुर | राजस्थान में इस बार विधानसभा चुनाव से पहले सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट में जोरदार मुकाबला चलता दिख रहा है।
शुक्रवार को जहां सीएम गहलोत कर्नाटक के लिए उड़ान भर रहे हैं वहीं उनके खिलाफ बगावती तेवर दिखा रहे सचिन पायलट दिल्ली पहुंच गए हैं।
पायलट के अचानक से दिल्ली का रूख करने से राजनीतिक महकमें में सियासी हलचल तेज हो गई है।
सचिन पायलट दिल्ली जरूर पहुंचे हैं लेकिन वे पार्टी आलाकमानों के पास नहीं बल्कि जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के पास पहुंचे हैं।
पायलट ने पहलवानों के पास पहुंच कर उनका समर्थन किया और केन्द्र सरकार के खिलाफ बयानबाजी की।
पायलट ने कहा कि, अगर देश के पहलवान तकलीफ में हैं तो देशवासी कैसे खुश रह सकते हैं। इस मामले की पूरी तरह से निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
सचिन से पहले गुरूवार को कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला भी पहलवानों से मिलने पहुंचे थे।
गौरतलब है कि इससे पहले भी 28 अप्रैल को सचिन पायलट ने ट्वीट करते हुए पहलवानों का पक्ष लिया था और केन्द्र सरकार पर हमला बोला था।
तब उन्होंने कहा था कि, जिन खिलाड़ियों ने देश के लिए मेडल जीते, आज उनको न्याय के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा है...उनकी आँखों में आँसू, हम सभी के लिए शर्म की बात है।
अपने नेता को बचाने के लिए केंद्र की सरकार खिलाड़ियों को न्याय से वंचित रख रही है।
भारत सरकार जल्द से जल्द खिलाड़ियों के साथ न्याय करे और दोषी को सजा दे।
आपकों बता दें कि दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों को आज 27 दिन हो गए हैं। पहलवान भाजपा नेता और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौनशोषण का आरोप लगाते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं।
आपको बता दें कि कर्नाटक चुनाव परिणाम के बाद 13 मई को सांसद बृजभूषण सिंह को कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से भी हटा दिया था, लेकिन पहलवान अपनी मांग पर अब भी डटे हुए हैं।