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राजे ने राजस्थान में चल रही सिंहासन की जंग को लेकर कांग्रेस पर कटाक्ष भी किया।उन्होंने सिंहासन के संघर्ष को लेकर कहा कि एक समय था जब पिता के आदेश पर भगवान राम सिंहासन छोड़ कर 14 वर्ष तक वनवास गए। भरत को सिंहासन पर बैठाने की भी तैयारी हुई, लेकिन खुद सिंहासन से दूर रहे।
जयपुर/ऋषिकेश। राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) उत्तराखंड के दौरे पर हैं। विधानसभा चुनावों से पहले सुलगती राजस्थान की राजनीति से दूर राजे गंगा के किनारे शीतलता का भक्तिमय आनंद ले रही हैं।
इस दौरान राजे ने राजस्थान में चल रही सिंहासन की जंग को लेकर कांग्रेस पर कटाक्ष भी किया।
उन्होंने सिंहासन के संघर्ष को लेकर कहा कि एक समय था जब पिता के आदेश पर भगवान राम सिंहासन छोड़ कर 14 वर्ष तक वनवास गए।
भरत को सिंहासन पर बैठाने की भी तैयारी हुई, लेकिन उन्होंने त्याग की मिसाल पेश की।बड़े भाई राम की चरण पादुकाओं को सिंहासन पर रख कर ही शासन चलाया, लेकिन खुद सिंहासन से दूर रहे।
पूर्व सीएम ने कहा कि उस समय दोनो भाइयों का त्याग देखिए और आज दोनों में सिंहासन के लिए किस तरह संघर्ष हो रहा है, यह देखिए। किस तरह एक दूसरे के ऊपर तीर चलाये जा रहें है।
राजे रविवार को ऋषिकेश (Rishikesh) में संत चिदानंद जी सरस्वती द्वारा आयोजित राम कथा में बोल रही थी। रामकथा व्यास थे मुरलीधर जी महाराज।
पूर्व सीएम ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के प्रयास से अयोध्या में भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बन रहा है।
राम राज्य की कल्पना तब साकार होती है जब धर्म और राजनीति साथ चले। राम को हृदय में बसा लीजिये।
मन में राम नाम का जप कीजिए। फिर कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, पर ‘मुख में राम बग़ल में छुरी’ मत करिये। जैसा कि आज कल हो रहा है।
पूर्व सीएम राजे ने ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम में स्वामी चिदानंद जी महाराज का सान्निध्य प्राप्त हुआ। जहां नित्य होने वाले हवन अनुष्ठान में आहुति देने का सौभाग्य मिला तथा गुरुजी व अन्य संतों का आशीर्वाद भी लिया।
पूर्व सीएम राजे ने ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम में स्वामी चिदानंद जी महाराज और गुरुजी व अन्य संतों का आशीर्वाद भी लिया। इसी के साथ उन्होंने हवन अनुष्ठान में आहुति भी दी।
राजस्थान में विधानसभा चुनावों को लेकर हो रही उथल-पुथल के बीच राजे की ये यात्रा राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
सरकार पर लगाया आरोप
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने चिदानंद सरस्वती जी महाराज के पर्यावरण और जल संरक्षण अभियान की तारीफ़ की।
साथ ही उन्होंने कहा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के नदियों को जोड़ने के प्रयासों को साकार करने के लिए हमने मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान और नदियों से जोड़ने की योजना पर काम किया, लेकिन इस सरकार ने इसे बंद कर दिया।