फिर इस तरह दिया जवाब: सीएम गहलोत पहुंचे IPL मैच देखने, दर्शकों ने लगा दिए ’मोदी-मोदी’ के नारे

सीएम अशोक गहलोत को दर्शक दीर्घा में देखकर कुछ दर्शकों ने अपना आपा खो दिया और मैच के दौरान स्टेडियम में ’मोदी-मोदी’ के नारे लगाने लगे। ये सब देखकर एक बार तो सीएम गहलोत के साथ जो भी नेता थे वे सभी चौंक गए...

Ashok Gehlot in IPL Match

जयपुर | गुलाबी नगरी जयपुर में बुधवार को आईपीएल 2023 का पहला मुकाबला सवाई मानसिंह स्टेडियम में खेला गया। 

ऐसे में राजनीति के जादूगर माने जाने वाले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत भी मैच का लुफ्त उठाने पहुंचे।

राजस्थान रॉयल्स और लखनऊ सुपर किंग्स के बीच खेले गए इस मुकाबले को देखने सीएम गहलोत के साथ कांग्रेस नेता कृष्णा पूनिया, सुखजिंदर रंधावा, आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत और खेल मंत्री अशोक चांदना भी पहुंचे थे।

सीएम गहलोत ने इस दौरान राजस्थान रॉयल्स की बैटिंग का पूरा लुफ्त उठाया और अच्छे शॉट्स पर तालियां भी बजाई।

लेकिन इसी बीच सीएम अशोक गहलोत को दर्शक दीर्घा में देखकर कुछ दर्शकों ने अपना आपा खो दिया और मैच के दौरान स्टेडियम में ’मोदी-मोदी’ के नारे लगाने लगे।

ये सब देखकर एक बार तो सीएम गहलोत के साथ जो भी नेता थे वे सभी चौंक गए, लेकिन इस पर सीएम गहलोत का कोई भी प्रभाव नहीं पड़ा और वे दर्शकों की ओर देख कर मुस्कुराते रहे।

घटना उस वक्त हुई जब सीएम गहलोत स्टेडियम में मौजूद दर्शकों का हाथ हिलाकर अभिवादन कर रहे थे। 

प्रधानमंत्री मोदी पर लगातार निशाना साधने वाले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत दर्शकों के इस बर्ताव से बिल्कुल भी खफा नहीं हुए बल्कि मुस्कुराते रहे। 

यह पहली बार नहीं है जब गहलोत के सामने इस तरह से पीएम मोदी के पक्ष में नारेबाजी हुई हो, पहले भी कई मौकों पर ऐसा हो चुका है। 

पिछले साल सितंबर में जब अशोक गहलोत  जैसलमेर के पास रामदेवरा में लोक देवता बाबा रामदेव मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे थे तो तब भी वहां पीएम मोदी के समर्थन में नारेबाजी हुई थी। 

आपको बता दें कि लखनऊ सुपर किंग्स के खिलाफ घरेलू टीम राजस्थान रॉयल्स अपना जीता जिताया मैच हार गई। आईपीएल के इस सीजन में राजस्थान रॉयल्स की 6 मैचों में ये दूसरी हार रही।

आपको ये भी बता दें कि, हाल ही में अजमेर-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीएम गहलोत की तारीफ करते हुए उन्हें अपना दोस्त कहा था। जिस पर सीएम गहलोत ने इसे पीएम मोदी की चतुराई करार दिया था।