पायलट को सजा या तोहफा: तो चुनावों से पहले सचिन पायलट के साथ होने जा रहा कुछ ऐसा...

सीएम गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच चल रही वर्चस्व की जंग ने दिल्ली तक धमाचौकड़ी मचा रखी है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, लेकिन उससे पहले ही सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

Sachin Pilot

जयपुर | राजस्थान में सीएम गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच चल रही वर्चस्व की जंग ने दिल्ली तक धमाचौकड़ी मचा रखी है। 

राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, लेकिन उससे पहले ही सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बार-बार दिल्ली के चक्कर काट रहे हैं तो प्रभारी सुखजिंदर रंधावा भी पायलट की शिकायत दिल्ली में बैठे  आलाकमानों तक पहुंचा रहे हैं।

जिसके चलते सियासी गलियारों में पायलट के खिलाफ एक्शन लेने की सुगबुगाहट भी चल रही है।

तो क्या होगी पायलट पर कार्रवाही ?

दरअसल, राजस्थान में विधानसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है और कांग्रेस आलाकमान पंजाब की तहर यहां पर सत्ता खोना नहीं चाहते हैं। 

ऐसे में सचिन पायलट के बगावती तेवरों को देखते हुए भी आलाकमान उन पर किसी भी तरह का एक्शन नहीं लेना चाहेंगे। 

राजस्थान में सचिन पायलट गुर्जर समाज के बड़े राजनीतिक चेहरे माने जाते हैं। अगर पार्टी पायलट के खिलाफ इस समय कुछ भी एक्शन की तैयारी करती है तो चुनावों में परिणाम भी गंभीर हो सकते हैं।

दिल्ली में पायलट को लेकर करीब सात बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन उन पर अब तक कोई फैंसला नहीं लिया जा सका है। 

कार्रवाई नहीं तो मिल सकता है तोहफा....

वहीं दूसरी ओर, राजस्थान सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार और प्रदेश अध्यक्ष के बदलने की चर्चाओं ने भी सियासी गलियारे को गरमाया हुआ है। 

ऐसे में ये भी कहा जा रहा है कि सचिन पायलट को शांत रखने के लिए कांग्रेस आलाकमान प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप सकते हैं। 

बता दें कि, पायलट खुद कई बार कह चुके हैं कि वह पदों के पीछे नहीं भागते हैं और वह भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करके रहेंगे।

सीएम गहलोत ने भी कह दिया कि....

इसी के साथ सीएम अशोक गहलोत ने भी मीडिया से कह दिया है कि आप हमें आपस में लड़ाइए मत, क्योंकि हमारी सरकार रिपीट होने वाली है।