जाट समाज का महाकुंभ: जयपुर में जाट नेताओं की हुंकार, 10 लाख से ज्यादा लोग लोग शामिल होने का दावा

- जाट समाज की ओर से आज जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में जाट महाकुंभ का आयोजन। - इस जाट महाकुंभ में करीब 10 लाख लोगों की भीड़ एकत्रित होने का दावा। - सभी दलों के जाट नेता होंगे शामिल ।

Jat Mahakumbh 2023

जयपुर |  Jat Mahakumbh 2023: राजधानी जयपुर 5 साल बाद एक बार फिर से जाट महासभा की साक्षी बनने जा रही है।

जाट समाज की ओर से 5 मार्च को यानि आज जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में जाट महाकुंभ का आयोजन किया गया है।

इस जाट महाकुंभ में करीब 10 लाख लोगों की भीड़ एकत्रित होने का दावा किया जा रहा है।

ऐसे में तो लगता है आज राजधानी की सड़कों पर लंबा जाम लगने वाला है।

सभी दलों के जाट नेता होंगे शामिल
जाट समाज के इस महाकुंभ में सभी राजनैतिक दलों के जाट नेता सम्मिलित होंगे। इनमें प्रदेश के विधायक, पूर्व विधायक, मंत्री, पूर्व मंत्री, सांसद और पूर्व सांसदों के अलावा कई उद्योगपति और समाज के गणमान्य लोग शामिल होंगे।

राजस्थान ही नहीं बल्कि देश के कई हिस्सों से भी जाट नेता इस आयोजन को सफल बनाने के लिए जयपुर कूच कर रहे हैं।

किसान आंदोलन के नेता राकेश टिकैत सहित कई जाट नेता इस महाकुंभ में शामिल होने जयपुर पहुंच रहे हैं।

इन्होंने उठाया है इस महाकुंभ का बीड़ा
राजस्थान की राजधानी जयपुर में आज रही इस जाट महासभा के आयोजन का बीड़ा जाट महासभा के प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील की पहल पर विजय पूनिया और रणवीर पहलवान समेत समाज के कई अन्य प्रतिनिधियों ने उठाया है। 

गांव-गांव, ढाणी-ढाणी से पहुंच रहे लोग
जयपुर में हो आयोजित हो रहे इस जाटों के इस महाकुंभ में पूरे प्रदेश से लोग पहुंच रहे हैं। ढोल-नगाड़ों की छाप के बीच सभा का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। आलम ऐसा है कि, गांव-गांव, ढाणी-ढाणी से भी समाज के लोग जयपुर पहुंच रहे हैं। 

\क्या रहने वाले हैं जाट समाज के प्रमुख एजेंडे?

- विद्यार्थियों के शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए आवाज बुलंद करना और शिक्षा को रोजगार के लिए उपयोगी बनाना।

- जाट समाज को सशक्त बनाना और जाटों में सामाजिक एकजुटता कायम करना होगा उद्देश्य।

- जाट महासभा का एक और मुख्य मुद्दा ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों दूर करवाकर उसे जनसंख्या के अनुपात में लागू करवाना। ओबीसी आरक्षण को बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया जाए। 

- वीर तेजाजी बोर्ड का गठन होगा मुख्य उद्देश्य।

- प्रत्येक गोपालक को गोशाला के समरूप अनुदान मिले।

- वाणिज्य-व्यापार में किसान पुत्रों को स्टार्टअप सुविधा मिले। 

- जातिगज जनगणना का संकल्प पारित करवाना।

- समाज में फैली मुत्युभोज, बाल विवाह, दहेज प्रथा आदि कुरीतियां रोक लगाना।

- समाज के समस्त विधि सम्मत संगठनों के सक्रिय पदाधिकारियों को शामिल करते हुए एक राज्य/राष्ट्रीय स्तरीय गवर्निंग कौंसिल का गठन करना।

ईआरसीपी सहित अन्य परियोजनाओं में राजस्थान का जल हिस्सा बढ़े। मोटे अनाज की उचित एमएसपी दरें तय हों।

- अखिल भारतीय न्यायिक आयोग का गठन हो।