अब बारी ’राजे’ की: वसुंधरा को मिलने जा रही बड़ी जिम्मेदारी, घर जाकर मनाने में जुटे दिग्गज

वसुंधरा को मिलने जा रही बड़ी जिम्मेदारी, घर जाकर मनाने में जुटे दिग्गज
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अरुण सिंह के अलावा राजस्थान बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र ने भी राजे के घर जाकर उनसे मुलाकात की है। ऐसे में तो लगता है कि, अब सभी राजे को मनाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।

जयपुर | राजस्थान में इस साल के अंत में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी के आलाकमान अब प्रदेश भाजपा में चल रहे आंतरिक कलह को खत्म  करने के प्रयास में लगे हैं।

जिसके चलते हाल ही में पार्टी में कई बड़े बदलाव भी देखने को मिले हैं। 

सीपी जोशी को जहां प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया गया है, वहीं, राजेंद्र राठौड़ को नेता प्रतिपक्ष और सतीश पूनिया को उप नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है।

इस बड़े बदलाव के लिए सियासी गलियारों में चर्चा है कि, चुनाव से पहले भाजपा के अंदर चल रही खींचतान को खत्म करने के लिए यह रणनीति बनाई गई।

हालांकि, प्रदेश भाजपा में अभी भी वसुंधरा राजे के तौर पर एक और सबसे बड़ी चुनौती बाकी है।

ऐसे में अब भाजपा कालाकमानों की नजर वसुंधरा राजे पर टिकी हुई है और उन्हें भी जल्द से जल्द नई जिम्मेदारी सौंपे जाने की तैयारी चल रही है।

गौरतलब है कि बीते रविवार को ही भाजपा मुख्यालय में दिनभर चली बैठक के बाद शाम को अरुण सिंह खुद वसुंधरा राजे के घर पहुंचे और उनके साथ काफी लंबी बैठक की।

इस बैठक के बाद से राजनीतिक गलियारों में कई तहर की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। 

माना जा रहा है कि भाजपा आलाकमान वसुंधरा राजे को अहम पद देने की तैयारियों में लगे हुए हैं ताकि, राजे को बड़ी जिम्मेदारी सौंप कर उनके गुट और समर्थकों को भी शांत किया जा सके।

बता दें कि, अरुण सिंह के अलावा राजस्थान बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र ने भी राजे के घर जाकर उनसे मुलाकात की है। ऐसे में तो लगता है कि, अब सभी राजे को मनाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।

सूत्रों की माने तो भाजपा हाईकमान इस बात को अच्छी तरह से जानता है कि राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा राजे के बिना चुनाव में जीतना काफी चुनौती पूर्ण होगा।

ऐसे में ये भी माना जा रहा है कि चुनाव कैंपेनिंग पार्टी में अध्यक्ष का पद देकर भाजपा उन्हें चुनाव में उतार सकती है।

सूत्रों की माने तो अब अगले 15 दिनों के भीतर वसुंधरा राजे को लेकर भाजपा आलाकमान बड़ा फैसला ले सकते हैं।

ये बात की भी देखने लायक है कि राजस्थान भाजपा में लंबे समय से बड़े नेताओं के बीच खींचतान देखी जा रही थी। राजे खुद पार्टी के बड़े कार्यक्रमों से दूर रही थी। पार्टी के किसी भी कार्यक्रम और गतिविधियों में कम ही शामिल हो रही थीं। 

लेकिन अब राजे भी एक बार फिर से पार्टी के कार्यक्रम हो या राजनीतिक कार्यक्रम सभी में दिखाई दे रही हैं। 

हालांकि, ये तो आने वाला समय ही बताएगा कि राज्य की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे इस बार विधानसभा चुनावों में क्या भूमिका निभाने वाली हैं। 

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