देर रात जयपुर हेरिटेज मेयर पर गाज: राज्य सरकार ने मुनेश गुर्जर को किया सस्पेंड, पार्षद पद से भी निलंबित

गहलोत सरकार ने हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर को फिर से निलंबित कर दिया है। न्यायिक जांच को पद पर रहते हुए प्रभावित करने का हवाला देकर उन्हें सस्पेंड कर दिया है।

munesh gurjar

जयपुर | पिछले कुछ दिनों से शांत पड़ी जयपुर नगर निगम हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर (Munesh Gurjar) मामले की चिंगारी ने फिर से आग पकड़ ली है। 

गहलोत सरकार ने हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर को फिर से निलंबित कर दिया है। न्यायिक जांच को पद पर रहते हुए प्रभावित करने का हवाला देकर उन्हें सस्पेंड कर दिया है।

राज्य सरकार ने शुक्रवार देर रात आदेश निकाल कर मुनेश गुर्जर को मेयर और पार्षद पद से सस्पेंड कर दिया है। 

बता दें कि कुछ दिन पहले ही सरकार ने मुनेश गुर्जर को निलंबित करने के बाद कोर्ट के आदेश के चलते उनका निलंबन वापस ले लिया था। 

लेकिन शुक्रवार रात अचानक से फिर से उन्हें निलंबित कर दिया गया है। 

आपको बता दें कि मेयर मुकेश के पति सुशील गुर्जर को पिछले महीने ही एसीबी ने रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया था। 

इसके बाद प्रशासनिक जांच में मुनेश को पद के दुरुपयोग का दोषी पाया गया था। 

ऐसे में जांच में दोषी पाए जाने के बाद स्वायत्त शासन विभाग ने मुनेश को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए गए हैं।

मेयर के पद पर रहते हुए न्यायिक जांच हो सकती है प्रभावित कर 

स्वायत्त शासन विभाग ने सस्पेंशन आदेश में लिखा है कि मुनेश गुर्जर को लेकर पूरे मामले की प्रशासनिक जांच के साथ ही न्यायिक जांच भी करवाई गई है। 

अभी न्यायिक जांच जारी रही है। ऐसे में मुनेश न्यायिक जांच को मेयर पद पर रहते हुए प्रभावित कर सकती है। 

इसलिए प्रशासनिक जांच में दोषी पाए जाने पर उन्हें पद से सस्पेंड करना जरूरी है। 

आदेश के मुताबिक 5 अगस्त को मेयर पति सुशील गुर्जर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एसीबी ने मेयर के घर से 40 लाख रुपए नकद और नगर निगम के पट‌्टे बरामद किए थे। 

जिसमें मेयर मुनेश की भी संदिग्ध भूमिका दिख रही थी। ऐसे में मेयर को भी पूरे मामले में दोषी और जिम्मेदार बताया गया है।