महाराणा प्रताप जयंती: महाराणा प्रताप के शौर्य पर CM भजनलाल शर्मा का संबोधन

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जयपुर, 28 मई। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप ने मातृभूमि की रक्षा के लिए राजमहलों का वैभव त्यागकर जंगलों का कष्टमय जीवन जीया, लेकिन आजीवन अपने स्वाभिमान से कोई समझौता नहीं किया। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप महान योद्धा, परम स्वाभिमानी और स्वतंत्रता प्रेमी थे। उन्होंने हमें सदैव सत्य, धर्म और राष्ट्रहित के मार्ग पर चलना सिखाया।

शर्मा बुधवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में महाराणा प्रताप फाउंडेशन की ओर से आयोजित ‘शौर्य गाथा के रंग’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि महाराणा प्रताप जैसे वीर और पराक्रमी योद्धा ने राजस्थान की महान धरती पर जन्म लिया। उनका सम्पूर्ण जीवन हम सभी के लिए प्रेरणापुंज है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराणा प्रताप की वीरता से देश-दुनिया के ख्यातनाम इतिहासकार भी प्रभावित हुए। कर्नल जेम्स टॉड ने महाराणा प्रताप की वीरता की प्रशंसा करते हुए हल्दीघाटी के युद्ध को थर्मोपल्ली और दिवेर के युद्ध को मेवाड़ का मैराथन बताया। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप केवल देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्रेरणा के स्रोत हैं। उनकी देशभक्ति, वीरता एवं शौर्य को काल और भौगोलिक सीमा में नहीं बांधा जा सकता है।

राणा प्रताप आजादी के अपराजित काल विधायक -

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप को नमन किया एवं पंडित नरेन्द्र मिश्र द्वारा लिखी गई रचना का जिक्र करते हुए कहा कि ‘राणा प्रताप इस भरत भूमि, मुक्ति मंत्र के गायक हैं...राणा प्रताप आजादी के अपराजित काल विधायक हैं’।

राज्य सरकार महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट कर रही विकसित -

शर्मा ने कहा कि हम महाराणा प्रताप के संदेश को पूरी दुनिया में पहुंचाने का काम कर रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े विभिन्न स्थलों चावंड-हल्दीघाटी-गोगुंदा-कुंभलगढ़-दिवेर-उदयपुर आदि को सम्मिलित करते हुए महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट विकसित कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोच और खेल विशेषज्ञ तैयार करने के लिए महाराणा प्रताप खेल विश्वविद्यालय की स्थापना करने जा रहे हैं।

भारत ने विश्व में मजबूत शक्ति के रूप में पहचान बनाई -

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराणा प्रताप का जीवन हमें संप्रभुता और स्वतंत्रता की रक्षा करना सिखाता है। उनके जीवन मूल्यों को आत्मसात कर भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व में मजबूत शक्ति के रूप में पहचान बनाई है। इस शक्ति की एक झलक पूरी दुनिया ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखी। इस ऑपरेशन के माध्यम से पहलगाम में हमारी बहनों का सिंदूर मिटाने वालों को मिट्टी में मिला दिया गया। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद प्रधानमंत्री ने पहली जनसभा महाराणा प्रताप की धरती राजस्थान में की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सिंधु समझौता रद्द कर पाकिस्तान को साफ कर दिया कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।

शर्मा ने महाराणा प्रताप की वीरता एवं शौर्य की विरासत को संरक्षित करने और उनके जीवन मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने के सराहनीय कार्य करने के लिए महाराणा प्रताप फाउंडेशन की प्रशंसा की।

इस अवसर पर प्रताप फाउण्डेशन के संयोजक महावीर सिंह सरवड़ी, महाराणा प्रताप फाउण्डेशन के संयोजक प्रेमसिंह बनवासा,  हवामहल विधायक बालमुकुंद आचार्य, जमवारामगढ़ विधायक महेंद्र पाल मीणा, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच,राजपुत सभा के अध्यक्ष राम सिंह चंदलाई, भवानी निकेतन शिक्षा समिति के सचिव सुदर्शन सिंह सुरपुरा के साथ हजारों सर्व समाज के गणमान्य बुजुर्ग, नौजवान एवं मातृ शक्ति की उपस्थिति ने कार्यक्रम को भव्य बनाया ।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय कवि सिद्धार्थ देवल ने वीर रस की कविताओ से महाराणा प्रताप की शौर्य गाथा का वर्णन किया।

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