Sheoganj संचालक को बहिष्कार की धमकी: समाज के दबाव में स्कूल बंद करवाने की कोशिश

समाज के दबाव में स्कूल बंद करवाने की कोशिश
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शिवगंज। शहर के केसरपुरा मार्ग स्थित श्री वंश सुथार विश्वकर्मा छात्रावास में संचालित काबा विश्वकर्मा एकेडमी स्कूल को जबरन खाली करवाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। बुधवार को स्कूल संचालक शिवकुमार सुथार पहली बार मीडिया के सामने आए और अपना पक्ष रखते हुए गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने खुलासा किया कि समाज के कुछ पंच निजी स्वार्थ के चलते उन्हें स्कूल भवन से बेदखल करना चाहते हैं और दबाव बनाकर विद्यालय बंद करवाने की साजिश कर रहे हैं।

संचालक ने बताया कि उन्हें यह भवन 2017-18 में समाज द्वारा मौखिक रूप से 10 वर्षों के लिए दिया गया था, और यह तय हुआ था कि हर तीन साल में कार्यकारिणी बदलने के कारण तीन-तीन साल का किरायानामा बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे दिसंबर 2025 तक का किराया एडवांस में जमा करवा चुके हैं, फिर भी उन्हें जबरन हटाने की कोशिश की जा रही है।

संचालक ने उठाए गंभीर सवाल

शिवकुमार सुथार के अनुसार, विद्यालय में लगभग 500 छात्र अध्ययनरत हैं, और स्कूल की प्रगति देखकर कुछ पंच व्यक्तिगत ईर्ष्या रखने लगे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जिन पंचों के बच्चे स्कूल में चार साल से पढ़ रहे हैं, वे अब फीस तक देने से इनकार कर चुके हैं।

उन्होंने कहा कि “मैं खुद सुथार समाज से हूँ, इसलिए समाज के बच्चों को 10 से 25 प्रतिशत तक फीस में छूट भी देता आया हूँ। इसके बावजूद मुझे समाज से बहिष्कृत करने और दंडित करने की धमकी दी जा रही है।”

स्कूल में घुसकर की तोड़फोड़, पुलिस में दी शिकायत

शिवकुमार ने यह भी आरोप लगाया कि 7 जून को विश्वकर्मा मंदिर परिसर में आयोजित सामाजिक भोज के दौरान उन्हें 500-600 लोगों के सामने अपमानित किया गया। उसके बाद कुछ लोगों ने जबरन स्कूल भवन में घुसकर कैमरे, फर्नीचर तोड़ दिए, स्टाफ के साथ गाली-गलौच, धक्का-मुक्की और अभद्र व्यवहार किया। इस संबंध में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है।

भूमि खरीदी, जल्द होगा नए भवन का निर्माण

संचालक ने बताया कि उन्होंने विद्यालय के लिए नई भूमि खरीद ली है, और वहां जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। उन्होंने समाज के पदाधिकारियों से बार-बार पत्र लिखकर थोड़ा समय देने की अपील भी की, लेकिन फिर भी उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।

अभिभावकों से अपील

आखिर में सुथार ने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों और विद्यालय के हित में आगे आएं और सहयोग करें।उन्होंने स्पष्ट कहा कि वे शिक्षा विभाग की नियमावली का पालन करते हुए किसी भी प्रकार की कानूनी प्रक्रिया के तहत ही स्कूल स्थानांतरित करेंगे।


यह मामला समाज में आंतरिक कलह, संस्थागत स्वार्थ और शिक्षा जैसे संवेदनशील विषयों पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस विवाद में क्या कदम उठाता है।

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